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Night Shift Side Effects: सिर्फ तीन रात की शिफ्ट से बढ़ सकता है डायबिटीज-मोटापे का खतरा, अध्ययन में हुआ खुलासा

Night Shift Side Effects: एक अध्ययन में पाया गया है कि सिर्फ तीन रात की शिफ्ट (Night Shift Side Effects) डायबिटीज, मोटापा और अन्य मेटाबॉलिज़्म संबंधी विकारों जैसी कई बीमारियों के खतरे को बढ़ाने के लिए पर्याप्त हो सकती है।...
07:07 PM May 14, 2024 IST | Preeti Mishra
(Image Credit: Social Media)

Night Shift Side Effects: एक अध्ययन में पाया गया है कि सिर्फ तीन रात की शिफ्ट (Night Shift Side Effects) डायबिटीज, मोटापा और अन्य मेटाबॉलिज़्म संबंधी विकारों जैसी कई बीमारियों के खतरे को बढ़ाने के लिए पर्याप्त हो सकती है।

क्या कहना है अध्ययन का?

वाशिंगटन स्टेट यूनिवर्सिटी, अमेरिका के शोधकर्ताओं ने खुलासा किया कि नाईट शिफ्ट (Night Shift Side Effects) में ब्लड ग्लूकोस रेगुलेशन से संबंधित शरीर की प्रोटीन रिदम गड़बड़ा सकती है। स्टडी में बताया गया है कि यह एनर्जी मेटाबॉलिज़्म और सूजन को भी बाधित करता है और पुरानी मेटाबॉलिज़्म स्थितियों के विकास को प्रभावित करता है।

जर्नल ऑफ प्रोटीन रिसर्च में प्रकाशित अध्ययन में टीम ने "मस्तिष्क में मास्टर जैविक घड़ी" के बारे में बताया, जो शरीर को दिन और रात के अनुसार (Night Shift Side Effects) रिदम का पालन करने के लिए प्रेरित करती है। जब यह "अव्यवस्थित" हो जाता है, तो यह तनाव की ओर ले जाता है जो दीर्घकालिक बिमारियों का कारण बनता है। इसके अतिरिक्त, केवल तीन-रात की शिफ्ट रिदम को बाधित करने और स्वास्थ्य जोखिमों को बढ़ाने के लिए पर्याप्त है। स्टडी के अनुसार, डायबिटीज और मोटापे को रोकने के लिए शीघ्र हस्तक्षेप जरुरी है।

कैसे हुआ यह अध्ययन

ब्लड सैम्पल्स का उपयोग करके टीम ने ब्लड-बेस्ड इम्यून सिस्टम कोशिकाओं में मौजूद प्रोटीन की पहचान की, जिनमें से कुछ की रिदम (Night Shift Side Effects) मुख्य बायोलॉजिकल वॉच से निकटता से जुड़ी हुई थी और नाईट शिफ्ट की प्रतिक्रिया में कोई बदलाव नहीं दिखा। हालाँकि, अधिकांश अन्य प्रोटीनों में परिवर्तन दिखा। ग्लूकोज रेगुलेशन में शामिल प्रोटीन का विश्लेषण करते हुए टीम ने नाईट शिफ्ट में प्रतिभागियों में ग्लूकोज रिदम को पूर्ण रूप से उल्टा पाया। इसके अलावा, स्टडी में नाईट शिफ्ट के श्रमिकों में इंसुलिन उत्पादन और संवेदनशीलता से जुड़ी प्रक्रियाएं भी ठीक नहीं पायी गयी।

इसके अलावा, पिछले अध्ययनों से पता चला है कि शिफ्ट में काम करने से ब्लड प्रेशर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे हृदय रोग और स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या रात की शिफ्ट में काम करने वालों में और बढ़ जाता है।

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