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ICMR Dietary Guidelines: ICMR की स्टडी में खुलासा, अनहेल्दी डाइट के कारण भारत में 56 फीसदी बीमारियां

ICMR Dietary Guidelines: आईसीएमआर (Indian Council of Medical Research) ने एक स्टडी में खुलासा करते हुए बताया है कि भारत में कुल बीमारी का 56.4 प्रतिशत बोझ अनहेल्दी डाइट (ICMR Dietary Guidelines) के कारण है। आईसीएमआर ने बुधवार को आवश्यक...
11:45 AM May 09, 2024 IST | प्रीति मिश्रा
ICMR Dietary Guidelines (Image Credit: Social Media)

ICMR Dietary Guidelines: आईसीएमआर (Indian Council of Medical Research) ने एक स्टडी में खुलासा करते हुए बताया है कि भारत में कुल बीमारी का 56.4 प्रतिशत बोझ अनहेल्दी डाइट (ICMR Dietary Guidelines) के कारण है। आईसीएमआर ने बुधवार को आवश्यक पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा करने और मोटापा और डायबिटीज जैसे गैर-संचारी रोगों (Non-Communicable Diseases) को रोकने के लिए 17 आहार दिशानिर्देश जारी किए हैं।

क्या कहना है राष्ट्रीय पोषण संस्थान का?

ICMR की एक संस्था राष्ट्रीय पोषण संस्थान (National Institute of Nutrition) ने कहा है कि हेल्थी डाइट और एक्सरसाइज, ह्रदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा कम कर देता है। स्टडी के अनुसार, स्वस्थ जीवन शैली का पालन करके समय से पहले होने वाली मौतों के एक बड़े हिस्से को रोका जा सकता है। स्टडी (ICMR Dietary Guidelines) में कहा गया है कि शुगर और फैट से भरे रिफाइंड प्रोडक्ट्स के खपत में वृद्धि और कम शारीरिक गतिविधि के कारण स्थिति और खराब हो गई है।

इसके अतिरिक्त राष्ट्रीय पोषण संस्थान (ICMR Dietary Guidelines) ने नमक का सेवन सीमित करने, तेल और फैट का कम मात्रा में उपयोग करने, उचित व्यायाम करने, चीनी और अल्ट्रा-प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों को कम करने की सिफारिश की है। इसने मोटापे को रोकने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने और भोजन के लेबल पर जानकारी पढ़ने से सूचित और स्वस्थ भोजन विकल्प चुनने का भी सुझाव दिया है।

भारतीयों के लिए 17 आहार संबंधी दिशानिर्देश सूचीबद्ध

भारतीयों के लिए आहार संबंधी दिशानिर्देश (ICMR Dietary Guidelines) का मसौदा आईसीएमआर-एनआईएन के निदेशक डॉ. हेमलता आर के नेतृत्व में विशेषज्ञों की एक समिति द्वारा तैयार किया गया है। स्टडी में भारतीयों के लिए 17 आहार संबंधी दिशानिर्देश सूचीबद्ध किए गए हैं।

"आहार संबंधी दिशानिर्देशों के माध्यम से, हम इस बात पर जोर देते हैं कि सभी प्रकार के कुपोषण का सबसे तार्किक, टिकाऊ और दीर्घकालिक समाधान विविध खाद्य पदार्थों की खपत को बढ़ावा देते हुए पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों की उपलब्धता, पहुंच और सामर्थ्य सुनिश्चित करना है। दिशानिर्देशों में वैज्ञानिक बातें शामिल हैं जो राष्ट्रीय पोषण नीति में बताए गए लक्ष्यों की प्राप्ति को सुविधाजनक बनाएगी," हेमलता ने कहा।

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा, पिछले कुछ दशकों में भारतीयों की आहार संबंधी आदतों (ICMR Dietary Guidelines) में महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं, जिससे गैर-संचारी रोगों की व्यापकता में वृद्धि हुई है, जबकि अल्पपोषण की कुछ समस्याएं अभी भी बनी हुई हैं।

"मुझे खुशी है कि इन दिशानिर्देशों को भारत में बदलते खाद्य परिदृश्य के लिए बहुत प्रासंगिक बना दिया गया है, जिसमें खाद्य सुरक्षा से निपटने के लिए न्यूनतम प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ चुनने, खाद्य लेबल के महत्व और शारीरिक गतिविधि पर व्यावहारिक संदेश और सुझाव शामिल हैं। मुझे यकीन है कि यह स्टडी समग्र पोषण और स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयास को और मजबूत करेगा,” बहल ने कहा।

कैलोरी कहां से मिल रही है इस पर दें विशेष ध्यान

गैर-संचारी रोगों का जिक्र करते हुए एनआईएन ने कहा कि भारत में 5-9 वर्ष की आयु के 34 प्रतिशत बच्चे उच्च ट्राइग्लिसराइड्स से पीड़ित हैं। स्टडी के अनुसार, एक संतुलित आहार में अनाज और बाजरा से 45 प्रतिशत से अधिक कैलोरी और दालों, बीन्स और मांस से 15 प्रतिशत से ज्यादा कैलोरी नहीं मिलनी चाहिए। दिशानिर्देशों (ICMR Dietary Guidelines) में कहा गया है कि बाकी कैलोरी नट्स, सब्जियों, फलों और दूध से आनी चाहिए।

स्टडी में कहा गया है कि दालों और मांस की सीमित उपलब्धता और उच्च लागत के कारण, भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा अनाज पर बहुत अधिक निर्भर है, जिसके परिणामस्वरूप आवश्यक मैक्रोन्यूट्रिएंट्स (आवश्यक अमीनो एसिड और आवश्यक फैटी एसिड) और सूक्ष्म पोषक तत्वों का कम सेवन होता है। स्टडी (ICMR Dietary Guidelines) में कहा गया है कि आवश्यक पोषक तत्वों का कम सेवन मेटाबॉलिज़्म को बाधित कर सकता है और कम उम्र से ही इंसुलिन प्रतिरोध और संबंधित विकारों का खतरा बढ़ा सकता है।

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