Guillain-Barre Syndrome: पुणे में फ़ैल रहा है गुइलेन-बैरी सिंड्रोम, जानें इसके लक्षण और ट्रीटमेंट
Guillain-Barre Syndrome: पुणे इस समय एक खतरनाक बीमारी के चपेट में है। इस बीमारी का नाम गुइलेन-बैरी सिंड्रोम है। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम पेरीफेरल नर्वस सिस्टम (Guillain-Barre Syndrome) पर हमला करती है। यह स्थिति कमजोरी, सुन्नता और गंभीर मामलों में पैरालिसिस का कारण बन सकती है। पुणे में अब तक 110 लोग इस बीमारी के चपेट में आ चुके हैं। वहीं इस बीमारी से एक व्यक्ति की मौत भी हो गयी है।
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का कारण
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome) एक दुर्लभ तंत्रिका संबंधी विकार है। इसके होने या फैलने का सटीक कारण अज्ञात है, लेकिन यह अक्सर संक्रमण के बाद होता है, जैसे कि वायरस या बैक्टीरिया के कारण होने वाली श्वसन या पेट संबंधी बीमारियां, जिनमें कैम्पिलोबैक्टर जेजुनी, एपस्टीन-बार वायरस या साइटोमेगालोवायरस शामिल हैं। कुछ मामलों में, यह बीमारी सर्जरी, टीकाकरण, या अन्य इम्यून सिस्टम संबंधी परेशानी (Guillain-Barre Syndrome Causes) से शुरू हो सकता है।
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के लक्षण
हाथ-पैरों में झुनझुनी और कमजोरी
लक्षणों का तेजी से बढ़ना
मांसपेशियों की कमजोरी के कारण चलने, सीढ़ियां चढ़ने या दैनिक गतिविधियां करने में कठिनाई हो सकती है।
सांस लेने और बोलने में समस्याएँ
जैसे-जैसे सिंड्रोम बढ़ता है, कम या अनुपस्थित रिफ्लेक्सिस
कई रोगियों को गंभीर तंत्रिका दर्द, मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन का अनुभव होता है, खासकर पैरों या पीठ में।
लक्षणों (Guillain-Barre Syndrome Symptoms) में अनियमित दिल की धड़कन, ब्लड प्रेशर में उतार-चढ़ाव, या तंत्रिका तंत्र की भागीदारी के कारण मूत्राशय और आंत्र नियंत्रण में कठिनाई शामिल हो सकती है।
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से कैसे बचें?
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (Guillain-Barre Syndrome Prevention) का सटीक कारण अक्सर अज्ञात होता है, लेकिन यह संक्रमण, सर्जरी या, शायद कभी टीकाकरण से जुड़ा होता है। इसको होने से रोकने के लिए कोई विशिष्ट उपाय ज्ञात नहीं है, लेकिन कुछ उपाय सामान्य ट्रिगर्स से बचकर और सामान्य रूप से स्वास्थ्य को बढ़ावा देकर गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के विकास के जोखिम को काफी कम कर सकते हैं। गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से बचने के लिए श्वसन और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण जैसे संक्रमणों की रोकथाम है।
- साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने के माध्यम से स्वच्छता बनाए रखी जानी चाहिए
- मांस को ठीक से पकाना और रसोई में क्रॉस कंटैमिनेशन से बचना
- संक्रामक श्वसन या गैस्ट्रोइंटेस्टिनल संक्रमण वाले व्यक्तियों के संपर्क से बचना चाहिए।
- इम्यून सिस्टम को करें मजबूत
- स्मोकिंग और अलकोहल से बचें।
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम का ट्रीटमेंट
गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (guillain-barre syndrome treatment) का उपचार प्रॉब्लम को मैनेज करने, और जटिलताओं को कम करने पर केंद्रित है। प्राथमिक उपचारों में प्लाज्मा एक्सचेंज शामिल है, जो ब्लड से हानिकारक एंटीबॉडी को हटाता है। श्वसन क्रिया की निगरानी और संक्रमण को रोकना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। दर्द प्रबंधन और ब्लड प्रेशर कण्ट्रोल करना भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस बीमारी से उबरने में मरीज को हफ्तों से लेकर महीनों तक का समय लग सकता है।
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