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Air Pollution: जहरीली हवा के बीच स्वस्थ रहना है तो अपनाएं आयुर्वेद, जानें कैसे रहें सुरक्षित

विशेषज्ञों का अनुमान है कि सर्दी बढ़ने के साथ वायु प्रदूषण और खराब हो जाएगा, जिससे दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सक्रिय उपाय करना आवश्यक है।
01:46 PM Nov 23, 2024 IST | Preeti Mishra

Air Pollution: पूरा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र इस समय भयंकर प्रदुषण के चपेट में हैं। यह सिर्फ अभी की बात नहीं है। लगभग हर साल सर्दियां आते ही दिल्ली और उसके आस-पास के शहरों की यही हालत हो जाती है। स्मॉग (Air Pollution) की मोटी परत ने राजधानी को ढक लिया है, जिससे व्यापक स्वास्थ्य संबंधी चिंताएं पैदा हो गई हैं। सांस लेने में कठिनाई से लेकर गले में जलन तक, निवासी गंभीर रूप से प्रदूषित हवा के प्रभाव से जूझ रहे हैं।

विशेषज्ञों का अनुमान है कि सर्दी बढ़ने के साथ वायु प्रदूषण (Air Pollution) और खराब हो जाएगा, जिससे दिल्ली में सांस लेना मुश्किल हो जाएगा। अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए सक्रिय उपाय करना आवश्यक है। आयुर्वेद आपके शरीर को मजबूत बनाने और प्रदूषण के हानिकारक प्रभावों से निपटने के प्रभावी तरीके प्रदान करता है। इस चुनौतीपूर्ण समय के दौरान आपको फिट और स्वस्थ रहने में मदद करने के लिए यहां पांच आयुर्वेदिक टिप्स दी गई हैं।

श्वसन सुरक्षा के लिए नस्य थेरेपी

नस्य में औषधीय तेल (जैसे अनु तेल या तिल का तेल) की कुछ बूंदें नाक में डालना शामिल है। इसका लाभ यह होता है कि नासिका मार्ग में एक सुरक्षात्मक अवरोध बनाता है, प्रदूषकों (Air Pollution) को श्वसन प्रणाली में प्रवेश करने से रोकता है। यह नाक गुहा को भी साफ और मजबूत करता है।

कैसे इस्तेमाल करें: तेल को हल्का गर्म करें और सुबह प्रत्येक नाक में 2-3 बूंदें डालें।

हर्बल चाय से इम्युनिटी बढ़ाएं

तुलसी, अदरक, हल्दी और काली मिर्च से बनी हर्बल चाय को अपनी दिनचर्या में शामिल करें। ये तत्व शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट हैं जो प्रदूषकों के कारण होने वाली सूजन को कम करते हैं। इससे शरीर का इम्युनिटी बढ़ता है, फेफड़ों (Air Pollution) की कार्यक्षमता को बढ़ाता है, और टॉक्सिक मैटेरियल्स को खत्म करने में मदद करता है।

कैसे उपयोग करें: जड़ी-बूटियों को पानी में उबालें, छान लें और प्रतिदिन 1-2 कप पियें। शहद मिलाने से इसकी प्रभावकारिता बढ़ जाती है। 

आयुर्वेदिक सुपरफूड्स का सेवन करें

अपने आहार में आंवला, घी और हल्दी जैसे सुपरफूड शामिल करें। आंवला विटामिन सी से भरपूर होता है, जो इम्युनिटी को बढ़ाता है, जबकि घी श्वसन तंत्र को चिकना बनाता है और प्रदूषण के कारण होने वाली शुष्कता को कम करता है। यह शरीर को डिटॉक्स करता है और फेफड़ों को मजबूत बनाता है।

कैसे इस्तेमाल करें: गर्म दूध में एक चम्मच घी मिलाएं या नाश्ते के रूप में ताजा आंवला खाएं।

घर पर आयुर्वेदिक एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें

घर के अंदर की हवा को शुद्ध करने के लिए कपूर, नीम की पत्तियां और सूखे गोबर के उपले जैसी प्राकृतिक जड़ी-बूटियां जलाएं। ये उपाय वायुजनित विषाक्त पदार्थों को खत्म करने और स्वच्छ वातावरण बनाए रखने में मदद करते हैं।

कैसे उपयोग करें: इन जड़ी-बूटियों की थोड़ी मात्रा को अग्नि-सुरक्षित कंटेनर में जलाएं और धुएं को घर के अंदर फैलने दें।

प्राणायाम और योग का अभ्यास करें

अनुलोम-विलोम जैसे सांस लेने के व्यायाम और भुजंगासन जैसे योगासन फेफड़ों को विषमुक्त करने में मदद करते हैं। यह श्वसन स्वास्थ्य को मजबूत करता है, ऑक्सीजन सेवन में सुधार करता है और तनावपूर्ण समय के दौरान मन को शांत करता है।

कैसे उपयोग करें: प्रदूषण मुक्त इनडोर क्षेत्र में प्रतिदिन 10-15 मिनट प्राणायाम का अभ्यास करें।

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