Black Coffee Side Effects: रुकिए! ज्यादा ब्लैक कॉफी पीने से ख़राब हो सकता है आपका लिवर
Black Coffee Side Effects: ब्लैक कॉफ़ी को इसके हेल्थ बेनिफिट्स के लिए जाना जाता है, जिसमें मेटाबोलिज्म को बढ़ाना, फोकस में सुधार करना और कुछ बीमारियों के जोखिम को कम करना शामिल है। लेकिन , इसके अधिक सेवन (Black Coffee Side Effects) से सेहत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, विशेषकर लीवर पर। आम तौर पर ब्लैक कॉफ़ी का मध्यम सेवन सुरक्षित और फायदेमंद भी होता है, लेकिन अधिक मात्रा में पीने से गंभीर जटिलताएं भी हो सकती हैं। आइये जानते हैं ब्लैक कॉफी का अत्यधिक सेवन आपके लीवर और हेल्थ को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है
लिवर पर तनाव
लीवर कैफीन सहित पदार्थों के प्रोसेस्ड और मेटाबोलिज्म के लिए जिम्मेदार है। बहुत अधिक ब्लैक कॉफ़ी का सेवन करने से लीवर पर अधिक भार पड़ सकता है, जिससे उसे अत्यधिक कैफीन को पचाने में अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। समय के साथ, यह तनाव (Black Coffee Side Effects) लीवर की शिथिलता का कारण बन सकता है, विशेष रूप से पहले से मौजूद स्थितियों या अस्वास्थ्यकर जीवनशैली वाले व्यक्तियों में।
लीवर की बीमारी का खतरा
हालांकि अध्ययनों से पता चलता है कि मध्यम कॉफी का सेवन फैटी लीवर रोग और लीवर फाइब्रोसिस जैसी स्थितियों से बचा सकता है, लेकिन अत्यधिक कैफीन का सेवन विपरीत प्रभाव डालता है। अधिक मात्रा में ब्लैक कॉफी पीने से लीवर में सूजन हो सकती है, जिससे समय के साथ लीवर खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।
टॉक्सिक का बढ़ता जोखिम
ब्लैक कॉफ़ी में कैफ़ेस्टोल नामक(Black Coffee Side Effects) एक यौगिक होता है, जो कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने की लिवर की क्षमता में छेड़छाड़ कर सकता है। जब अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है, तो इससे खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) जमा हो सकता है, जिससे गैर-अल्कोहल फैटी लीवर रोग (एनएएफएलडी) का खतरा बढ़ जाता है। इसके अलावा, अगर शराब के सेवन जैसी अन्य अस्वास्थ्यकर आदतों के साथ देखा जाए तो हाई कैफीन का सेवन भी लीवर के टॉक्सिक को बढ़ा सकता है।
बिगड़ा हुआ डेटोक्सिफिकेशन
लिवर शरीर को डिटॉक्सिफाई करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अत्यधिक ब्लैक कॉफ़ी लिवर के मेटाबोलिज्म पर दबाव डालकर उसकी डॉटिक्स प्रक्रिया को ख़राब कर सकती है। यह हानिकारक टॉक्सिक आइटम्स को खत्म करने की लीवर की क्षमता में बाधा उत्पन्न कर सकता है, जिससे संभावित रूप से शरीर में अपशिष्ट का निर्माण हो सकता है।
अतिउत्तेजना और पोइज़निंग
बहुत अधिक ब्लैक कॉफ़ी (Black Coffee Side Effects) पीने से निर्भरता पैदा हो सकती है और केंद्रीय तंत्रिका तंत्र अत्यधिक उत्तेजित हो सकता है। इस लंबे समय तक अतिउत्तेजना से हार्मोनल असंतुलन हो सकता है और कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन का उत्पादन बढ़ सकता है। उच्च कोर्टिसोल का स्तर लिवर के कार्य को बाधित कर सकता है, जिससे सूजन और क्षति हो सकती है। अत्यधिक कैफीन का सेवन, जो अक्सर ब्लैक कॉफ़ी के अधिक सेवन का परिणाम होता है, कैफीन पोइज़निंग का कारण बन सकता है। लक्षणों में बेचैनी, अनिद्रा, तेज़ हृदय गति और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल असुविधा शामिल हैं। कैफीन की अधिक मात्रा के गंभीर मामले लीवर पर प्रभाव डाल सकते हैं, खासकर अगर यह पहले से ही कमजोर या क्षतिग्रस्त हो।
ब्लैक कॉफ़ी का आनंद लेते समय इन बातों का रखें ख्याल
अपनी ब्लैक कॉफी की खपत को प्रति दिन 2-3 कप तक सीमित करें, जो लगभग 200-300 मिलीग्राम कैफीन के बराबर है।
लिवर डिटॉक्सीफिकेशन में सहायता के लिए कॉफी के साथ खूब पानी पिएं।
चीनी और हाई फैट वाले क्रीमर से दूर रहें, जो लीवर पर दबाव डाल सकते हैं।
नींद में व्यवधान को रोकने के लिए देर रात कॉफी पीने से बचें, जो अप्रत्यक्ष रूप से लीवर के हेल्थ को प्रभावित कर सकता है।
किसे सावधान रहना चाहिए?
अत्यधिक कॉफी के सेवन से कुछ व्यक्तियों को लीवर खराब होने का खतरा अधिक होता है:
हेपेटाइटिस, सिरोसिस, या फैटी लीवर रोग वाले लोगों को कैफीन के सेवन की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए।
जो लोग धीरे-धीरे कैफीन का मेटाबोलिज्म करते हैं, उनके लीवर और हेल्थ पर प्रतिकूल प्रभाव बढ़ सकता है।
नियमित शराब के सेवन के साथ अधिक कॉफी का सेवन करने से लीवर पर तनाव दोगुना हो सकता है।
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