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US Take Over Gaza: अमेरिका ने की गाजा पट्टी पर नियंत्रण की घोषणा, अरब में बढ़ी नाराजगी

US Take Over Gaza: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अभूतपूर्व घोषणा करते हुए कहा है कि अमेरिका गाजा पट्टी पर नियंत्रण स्थापित करेगा।
08:48 PM Feb 05, 2025 IST | Ritu Shaw

US Take Over Gaza: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अभूतपूर्व घोषणा करते हुए कहा है कि सभी फिलिस्तीनियों को स्थायी रूप से गाजा पट्टी छोड़कर मिस्र और जॉर्डन में "अच्छे घरों" में बस जाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने अमेरिका द्वारा गाजा पट्टी पर नियंत्रण स्थापित कर इसे "मिडिल ईस्ट का रिवेरा" बनाने की योजना की घोषणा की है। इस प्रस्ताव ने वैश्विक स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया उत्पन्न की है।

नेतन्याहू की मुस्कान, अरब जगत में रोष

ट्रंप के इस प्रस्ताव को कई आलोचकों ने "जातीय सफाए" की संज्ञा दी है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, जिन्हें गाजा में हालिया तबाही के लिए जिम्मेदार माना जाता है, इस घोषणा के बाद व्हाइट हाउस में संतोष के साथ मुस्कुराते देखे गए। वहीं, अरब जगत में इस प्रस्ताव को लेकर भारी आक्रोश देखा गया है।

गाजा पर अमेरिकी नियंत्रण की योजना

व्हाइट हाउस में नेतन्याहू के साथ बैठक के दौरान ट्रंप ने यह बयान दिया कि गाजा पट्टी कई दशकों से मौत और विनाश का प्रतीक बनी हुई है और इसे पुनर्निर्माण की आवश्यकता है। उन्होंने कहा, "गाजा को अमेरिका अपने नियंत्रण में लेगा और वहां पुनर्निर्माण कार्य करेगा। हम इस क्षेत्र को समतल करेंगे, नष्ट इमारतों को हटाएंगे और वहां असीमित रोजगार और आवास के अवसर पैदा करेंगे।"

ट्रंप ने आगे कहा कि गाजा के निवासी मिस्र और जॉर्डन में पुनर्वासित किए जा सकते हैं, जबकि "विश्व के अन्य लोग" गाजा में निवास कर सकते हैं। हालांकि, मिस्र और जॉर्डन पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि वे इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे।

प्रस्ताव की व्यावहारिकता पर सवाल

ट्रंप की इस घोषणा का व्यावहारिक आधार स्पष्ट नहीं है। अमेरिका के पास गाजा पर नियंत्रण स्थापित करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है, और न ही इसे लागू करने के लिए अमेरिकी कांग्रेस से स्वीकृति प्राप्त है। अमेरिकी सांसदों ने इस प्रस्ताव को पहले ही खारिज कर दिया है, और नाटो सहित कोई भी प्रमुख सहयोगी इस योजना का समर्थन नहीं कर रहा है।

नकबा की पुनरावृत्ति की आशंका

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह योजना लागू होती है तो यह 1948 की "नकबा" की पुनरावृत्ति होगी, जिसमें लाखों फिलिस्तीनियों को जबरन अपने घरों से बेदखल कर दिया गया था। इसके अलावा, यह योजना अमेरिका की दो-राष्ट्र समाधान नीति को भी कमजोर करती है और इजरायल को अपने फैसले थोपने के लिए अधिक राजनीतिक स्थान प्रदान करती है।

सऊदी अरब और अन्य देशों की प्रतिक्रिया

सऊदी अरब ने ट्रंप के बयान के तुरंत बाद प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह केवल एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य के निर्माण के आधार पर इजरायल के साथ संबंध स्थापित करेगा। सऊदी विदेश मंत्रालय ने कहा, "फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का अतिक्रमण करने के किसी भी प्रयास को हम पूर्ण रूप से अस्वीकार करते हैं।"

क्या पश्चिमी तट पर भी होगा अमेरिकी हस्तक्षेप?

ट्रंप ने संकेत दिया है कि उनकी सरकार जल्द ही पश्चिमी तट (वेस्ट बैंक) में इजरायली संप्रभुता पर अपनी स्थिति स्पष्ट करेगी। यह कदम फिलिस्तीनी संघर्ष को और अधिक जटिल बना सकता है। ट्रंप के इस निर्णय के पीछे आर्थिक कारण भी हो सकते हैं। गाजा समुद्र तट पर स्थित है, जो एक प्रमुख पर्यटन स्थल बन सकता है। इसके अलावा, गाजा मरीन क्षेत्र में लगभग 1.6 ट्रिलियन घन फीट प्राकृतिक गैस का भंडार मौजूद है, जो इसे आर्थिक रूप से आकर्षक बनाता है।

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