Ukraine Russia US: अमेरिका ने रोकी यूक्रेन की सैन्य सहायता, ज़ेलेंस्की ने दी कड़ी प्रतिक्रिया
Ukraine Russia US: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता को अस्थायी रूप से रोकने के फैसले की यूक्रेनी सरकार ने कड़ी निंदा की है। यूक्रेन की संसदीय विदेश मामलों की समिति के प्रमुख ने चेतावनी दी है कि यह कदम कीव को रूस के सामने आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर कर सकता है।
रॉयटर्स को दिए बयान में यूक्रेनी अधिकारी ने कहा, "सैन्य सहायता को रोकना बहुत बुरा संकेत देता है। ऐसा लगता है कि ट्रंप प्रशासन कीव को आत्मसमर्पण की ओर धकेल रहा है।"
अमेरिका की मदद पर रोक से बढ़ी चिंता
ट्रंप प्रशासन के इस फैसले ने कीव और उसके यूरोपीय सहयोगियों के बीच चिंता की लहर दौड़ा दी है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने सोमवार को पुष्टि की कि राष्ट्रपति ट्रंप यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की पर रूस के साथ शांति वार्ता करने के लिए दबाव बना रहे हैं। इस फैसले के बाद यूक्रेन की सुरक्षा को लेकर गहरी चिंताएँ जताई जा रही हैं।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने एएफपी को बताया, "राष्ट्रपति स्पष्ट कर चुके हैं कि उनका मुख्य उद्देश्य शांति स्थापित करना है। हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि हमारी सहायता सही दिशा में इस्तेमाल हो रही है, इसलिए हम इसे रोककर इसकी समीक्षा कर रहे हैं।"
न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, इस रोक के कारण यूक्रेन को भेजी जाने वाली सैकड़ों मिलियन डॉलर की सैन्य सहायता प्रभावित होगी। इस फैसले की अमेरिकी कांग्रेस में भी आलोचना हो रही है, विशेष रूप से डेमोक्रेट्स ने इसे खतरनाक और गैरकानूनी बताया है।
ट्रंप की ज़ेलेंस्की को चेतावनी
व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान ट्रंप ने ज़ेलेंस्की पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें अमेरिका की सहायता के प्रति और अधिक "आभार प्रकट" करना चाहिए। ट्रंप ने यह भी कहा कि अगर ज़ेलेंस्की रूस के साथ युद्धविराम समझौता नहीं करते हैं, तो "वह ज्यादा समय तक नहीं टिक पाएंगे।"
यूक्रेनी राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की ने इस पर संयमित प्रतिक्रिया दी और कहा कि उनकी सरकार जल्द से जल्द युद्ध समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन इसके लिए मज़बूत सुरक्षा गारंटी आवश्यक हैं। ज़ेलेंस्की ने एक वीडियो संदेश में कहा, "11 साल पहले यूक्रेन को सुरक्षा की पर्याप्त गारंटी नहीं मिली थी, जिसके चलते रूस ने क्रीमिया पर कब्ज़ा किया और डोनबास में युद्ध शुरू हुआ। फिर यही गलती दोहराई गई, जिससे रूस ने पूर्ण पैमाने पर आक्रमण किया।"
यूरोपीय देशों की चिंता बढ़ी
अमेरिका द्वारा सहायता रोकने के फैसले से यूरोपीय देशों में हलचल मच गई है। ब्रिटेन और फ्रांस एक महीने के युद्धविराम के विकल्प की खोज कर रहे हैं, जिसमें संभावित सैन्य समर्थन के जरिए युद्धविराम को लागू करने की योजना भी शामिल है। जर्मनी के संभावित अगले चांसलर फ्रेडरिक मर्ज़ ने ट्रंप के फैसले को "जानबूझकर किया गया उकसावा" बताया और कहा कि यह रूस को और अधिक आक्रामक बना सकता है।
फ्रांस के यूरोप मामलों के मंत्री बेंजामिन हद्दाद ने भी इस निर्णय की आलोचना करते हुए कहा, "अगर आप शांति चाहते हैं, तो क्या यूक्रेन को दी जाने वाली हथियारों की आपूर्ति रोकना शांति की दिशा में एक कदम है? नहीं, बल्कि यह रूस को ही और मजबूत करता है।"
यूक्रेन को दी जाने वाली सहायता पर इस रोक के दूरगामी प्रभाव हो सकते हैं। यूरोपीय सहयोगी देशों की चिंता है कि इससे रूस को अपनी सैन्य कार्रवाई तेज़ करने का अवसर मिल सकता है, जिससे यूक्रेन की सुरक्षा और अधिक संकट में पड़ सकती है।
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