Trump Putin Peace Deal: यूक्रेन युद्ध रोकने की कोशिश, ट्रम्प-पुतिन के बीच अहम बातचीत
Trump Putin Peace Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बहुप्रतीक्षित फोन कॉल सोमवार को 1400 GMT पर शुरू हुई। व्हाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टाफ डैन स्काविनो के मुताबिक, "बातचीत अच्छी चल रही है और अभी जारी है।"
तीन साल से जारी यूक्रेन युद्ध को खत्म करने के प्रयासों के तहत ट्रम्प रूस को 30-दिवसीय संघर्षविराम के प्रस्ताव पर राज़ी करने की कोशिश कर रहे हैं। यह युद्ध अब तक लाखों लोगों की जान ले चुका है, करोड़ों लोग बेघर हो चुके हैं और यूक्रेन के कई हिस्से खंडहर में तब्दील हो चुके हैं।
संघर्षविराम पर बातचीत
यूक्रेनी अधिकारियों ने पिछले हफ्ते सऊदी अरब में अमेरिकी मध्यस्थता में हुई वार्ता में इस संघर्षविराम के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी। इस बैठक का नेतृत्व अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने किया। हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की रूस की मंशा पर शक जाहिर कर चुके हैं। उनका कहना है कि क्रेमलिन केवल समय निकालने के लिए बातचीत कर रहा है और हमले जारी रखे हुए है।
ट्रम्प ने बातचीत से पहले कहा, "हम देखेंगे कि हम संघर्षविराम और अंततः शांति कायम कर सकते हैं या नहीं। मुझे लगता है, हम कर पाएंगे।" उन्होंने यह भी इशारा किया कि इस वार्ता में क्षेत्रीय नियंत्रण और परमाणु ऊर्जा संयंत्र जैसे मुद्दे शामिल होंगे। विशेष रूप से यूरोप के सबसे बड़े परमाणु संयंत्र, ज़ापोरिज़्ज़िया प्लांट का भविष्य चर्चा का केंद्र है, जो 2022 से रूसी नियंत्रण में है।
रूस की शर्तें
हालांकि, पुतिन ने पिछले सप्ताह इस प्रस्ताव का 'सिद्धांत रूप में' समर्थन किया था, लेकिन उन्होंने कुछ शर्तें रखी हैं। रूस चाहता है कि जिन क्षेत्रों पर उसने कब्जा किया है, उन पर उसका नियंत्रण बना रहे, जिसमें क्रीमिया और पूर्वी यूक्रेन के बड़े हिस्से शामिल हैं।
ज़ेलेंस्की ने चेतावनी दी है कि किसी भी ऐसी डील को जो रूस को कब्जा किए गए इलाकों पर नियंत्रण देती है, "यूक्रेन की जनता के साथ विश्वासघात" माना जाएगा। उन्होंने कहा, "अब दुनिया भर में हर कोई समझ चुका है कि इस युद्ध को खींचने वाला सिर्फ पुतिन है।"
गौरतलब है कि रूस ने 2014 में क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था और 2022 की आक्रमण के बाद चार पूर्वी क्षेत्रों के बड़े हिस्सों पर नियंत्रण कर लिया है। रूस अब यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से पर कब्जा कर चुका है।
पुतिन का कहना है कि नाटो के विस्तार से रूस की सुरक्षा खतरे में पड़ गई थी, इसलिए उन्होंने सेना भेजी। उनकी मांग है कि यूक्रेन नाटो में शामिल होने की अपनी योजना छोड़ दे। साथ ही, पुतिन चाहते हैं कि पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दी जाए और यूक्रेन में राष्ट्रपति चुनाव कराए जाएं। वर्तमान में ज़ेलेंस्की युद्ध के चलते लगाए गए मार्शल लॉ के तहत शासन कर रहे हैं।
अमेरिका-रूस रिश्तों में नया मोड़
राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रम्प ने रूस के साथ रिश्ते बेहतर करने की कोशिश की है, जबकि कई पश्चिमी सहयोगी देशों के साथ उन्होंने टकराव मोल लिया है। ट्रम्प कनाडा के कुछ हिस्सों के विलय और ग्रीनलैंड को खरीदने जैसे बयान देकर चर्चा में भी रहे हैं।
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