Pak PM Visit Balochistan: पीएम शहबाज शरीफ ने बलूचिस्तान पहुंचकर पीड़ितों से की मुलाकात, जानिए पाक सेना ने कैसे किया ऑपरेशन
Pak PM Visit Balochistan: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ गुरुवार को बलूचिस्तान प्रांत पहुंचे, जहां उन्होंने जैफर एक्सप्रेस ट्रेन हमले में बचे यात्रियों और सेना के उन कमांडो से मुलाकात की जिन्होंने बहादुरी से 300 से अधिक यात्रियों को अलगाववादी आतंकियों से बचाया।
शरीफ के इस दौरे से एक दिन पहले ही पाकिस्तान के सुरक्षा बलों ने सभी 33 बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) के आतंकियों को मार गिराया, जिन्होंने मंगलवार को जैफर एक्सप्रेस को हाईजैक कर लिया था। प्रधानमंत्री के साथ डिप्टी प्रधानमंत्री मुहम्मद इशाक डार, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अत्ताउल्लाह तारड़, योजना एवं विकास मंत्री अहसन इकबाल, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री नवाबजादा मीर खालिद मगसी सहित कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
ट्रेन हाईजैक: कैसे हुआ हमला?
मंगलवार को BLA आतंकियों ने पहले रेलवे ट्रैक को विस्फोटक से उड़ा दिया, जिससे ट्रेन की नौ बोगियां और इंजन पहाड़ी क्षेत्र में गुडालर और पीरु कुनरी के पास सुरंग के अंदर रुक गए। इसके बाद, आतंकियों ने ट्रेन की खिड़कियों पर गोलीबारी की और बोगियों में घुसकर यात्रियों पर हमला किया। कई यात्रियों की हत्या कर दी गई और कुछ को बंधक बना लिया गया। पाकिस्तानी सेना ने तुरंत बचाव अभियान चलाया, जो बुधवार को आतंकियों के सफाए के साथ समाप्त हुआ। इस दौरान किसी अन्य यात्री की मौत नहीं हुई।
सैन्य अभियान और अफगानिस्तान से संबंध
पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों ने बताया कि BLA आतंकी पूरे समय उपग्रह फोन के जरिए अफगानिस्तान में अपने नेताओं से संपर्क में थे। सेना ने अफगान तालिबान सरकार से आग्रह किया है कि वह अपनी जमीन का उपयोग इस तरह की आतंकवादी गतिविधियों के लिए न होने दे। हालांकि, काबुल ने इन आरोपों को बार-बार खारिज किया है।
बचाव अभियान और प्रतिक्रिया
इस सैन्य अभियान में पाकिस्तान वायु सेना (PAF), स्पेशल सर्विसेज ग्रुप (SSG), सेना और फ्रंटियर कॉर्प्स (FC) की विशेष इकाइयां शामिल थीं।
सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि सुरक्षा बलों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए यात्रियों को बचाया और आतंकियों का सफाया कर दिया। उन्होंने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, "यह घटना अब खेल के नियम बदल देगी।"
प्रत्यक्षदर्शियों के बयान
हमले के दौरान बच गए लोगों ने अपनी दर्दनाक कहानियां साझा कीं। एक यात्री मोहम्मद नवेद ने बताया, "वे हमें बाहर आने को कह रहे थे कि हमें कोई नुकसान नहीं होगा। फिर उन्होंने कुछ लोगों को चुनकर गोली मार दी।" ईसाई मजदूर बाबर मसीह ने बताया कि आतंकियों ने महिलाओं और बुजुर्गों को बख्श दिया, जबकि अन्य को मार दिया। "हमारी महिलाओं ने उनसे गुहार लगाई, तब उन्होंने हमें छोड़ दिया।"
यह घटना पाकिस्तान के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती बन गई है, और अब सरकार व सेना आतंकवाद के खिलाफ और कड़े कदम उठाने की तैयारी कर रही है।
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