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Kash Patel: डोनाल्ड ट्रम्प के खास काश पटेल पर ईरान का साइबर हमला, FBI ने शुरू की जांच

Kash Patel: भारतीय-अमेरिकी वकील काश पटेल, जिन्हें निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति- डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) का नेतृत्व करने के लिए चुना है, उनको हाल ही में एफबीआई द्वारा सूचित किया गया कि वे ईरानी हैकिंग ऑपरेशन के निशाने...
07:48 PM Dec 04, 2024 IST | Ritu Shaw

Kash Patel: भारतीय-अमेरिकी वकील काश पटेल, जिन्हें निर्वाचित अमेरिकी राष्ट्रपति- डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) का नेतृत्व करने के लिए चुना है, उनको हाल ही में एफबीआई द्वारा सूचित किया गया कि वे ईरानी हैकिंग ऑपरेशन के निशाने पर थे। इस मामले से परिचित सूत्रों ने सीएनएन को यह जानकारी दी। संभावना है कि हैकर्स ने पटेल के कुछ संचार तक पहुंच प्राप्त भी की हो।

ट्रंप के ट्रांजिशन प्रवक्ता एलेक्स फिफर ने इस हैकिंग पर कोई विशेष टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा, "काश पटेल ने ट्रंप प्रशासन के पहले कार्यकाल में ईरानी आतंकवादी शासन के खिलाफ महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और एफबीआई निदेशक के रूप में अमेरिका को दुश्मनों से बचाने के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की नीतियों को लागू करेंगे।" पटेल ने ट्रंप की ईरान पर नीतियों को तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और उम्मीद की जा रही है कि वे अपनी नई भूमिका में राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता देंगे।

ईरान ने किया काश पटेल का फोन हैक

यह घटना कई अन्य विदेशी हैकिंग प्रयासों के बाद हुई है, जिनका निशाना ट्रंप के सहयोगी रहे हैं। पिछले महीने, एफबीआई ने ट्रंप के वकील और डिप्टी अटॉर्नी जनरल पद के लिए चयनित टॉड ब्लांश को सूचित किया कि उनका फोन चीनी हैकर्स द्वारा निशाना बनाया गया था। अगस्त में, ट्रंप की वकील लिंडसे हैलिगन को ईरानी हैकर्स द्वारा निशाना बनाए जाने की खबर थी। ट्रंप के बेटे डोनाल्ड ट्रंप जूनियर ने भी कहा है कि एफबीआई ने उन्हें बताया कि वे ईरान के लिए शीर्ष लक्ष्य हैं।

ईरान ने ट्रंप प्रशासन के सदस्यों को निशाना बनाया है और इस गर्मी में उनके राष्ट्रपति अभियान से चुराई गई जानकारी को राष्ट्रपति जो बाइडेन के अभियान से जुड़े व्यक्तियों को भेजा। जून में, ईरानी हैकर्स ने रोजर स्टोन के ईमेल अकाउंट तक पहुंच बनाई और ट्रंप अभियान के एक वरिष्ठ अधिकारी के ईमेल को हैक करने का प्रयास किया। हालांकि, ईरान ने अमेरिकी चुनावों में हस्तक्षेप के आरोपों को खारिज किया है।

अमेरिका और ईरान के बीच संबंध पिछले वर्ष से ही तनावपूर्ण हैं, जिसमें अमेरिका का इज़राइल का समर्थन और सैन्य वित्तपोषण प्रमुख कारण है। इज़राइल, ईरान और गाजा को लेकर चल रहे संघर्ष ने इन संबंधों को और खराब किया है। हालांकि, दोनों पक्षों ने संघर्षविराम पर चर्चा की है, लेकिन हताहतों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

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