Israel Hamas War: UN में भारत ने आतंकवाद का विरोध किया, टू स्टेट सॉल्यूशन का किया समर्थन, कहा बंधकों को रिहा करे हमास
Israel Hamas War: UN |इजराइल- हमास संघर्ष के बीच UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने इजराइल- फिलिस्तीन के बीच दो स्टेट सॉल्यूशन पर भारत की प्रतिबद्धता जताई है। रुचिरा कंबोज Ruchira Kamboj ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को किए गए हमलों की कड़ी निंदा की। और बंधकों की जल्द से जल्द रिहाई की मांग की है। भारत ने फिलिस्तीन के टू-स्टेट सॉल्यूशन की मांग का भी समर्थन किया है। वहीं इसराइल ने बंधकों की रिहाई के बिना ग़ाज़ा में युद्ध विराम के प्रस्ताव को ख़ारिज कर दिया है।
युद्ध के बीच टू स्टेट सॉल्यूशन पर भारत की प्रतिबद्धता
भारत ने इजराइल- हमास संघर्ष के बीच संयुक्त राष्ट्र( UN) में फिलिस्तीन के टू स्टेट सॉल्यूशन की मांग का समर्थन किया है। UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा "भारत इजराइल और फिलिस्तीन के बीच टू स्टेट सॉल्यूशन का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां फिलिस्तीन के लोग अपने देश में सुरक्षित रह सकें।"
विवाद का हल क्या टू स्टेट सॉल्यूशन है ?
भारत फिलिस्तीन के स्वतंत्र देश की मांग का समर्थन करता आया है। भारत ने सबसे पहले फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता दी थी। विवाद के हल के लिए 1991 के मैड्रिड सम्मेलन में मांग उठाई गई थी। फिलिस्तीन की मांग है कि उन्हें 1967 में हुई इजराइल- अरब वॉर से पहले का पूरा इलाका मिले। दरअसल , 1967 में अरब देशों और इजराइल के बीच जंग हुई थी। इजराइल ने पूरे फिलिस्तीन को अपने कब्जे में ले लिया था। इजराइल को डर है कि फिलिस्तीन के स्वतंत्र देश बनने से इजराइल पर हमले बढ़ सकते हैं। इसी के चलते इजराइल टू स्टेट सॉल्यूशन का विरोध करता आया है।
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फिलिस्तीन की UN मेंबरशिप के लिए भारत का समर्थन
UN में फिलिस्तीन की परमानेंट मेंबरशिप का भारत Ruchira Kamboj ने समर्थन किया है। भारत की ओर से रुचिका कंबोज ने कहा, " भारत उम्मीद करता है कि सही समय पर UN की परमानेंट मेंबरशिप के आवेदन पर पुनर्विचार किया जाएगा" । UN का सदस्य बनने में फिलिस्तीन के प्रयासों को समर्थन भी दिया। 18 अप्रैल को UN की सिक्योरिटी काउंसिल में फिलिस्तीन की परमानेंट मेंबरशिप को लेकर प्रस्ताव आया था। अमेरिका के वीटो के कारण यह प्रस्ताव UN से पास नहीं हो सका था।
भारत ने इजराइल पर 7 अक्टूबर को हुए हमलों की निंदा की
UN में भारत की स्थायी प्रतिनिधी रुचिरा कंबोज Ruchira Kamboj ने हमास के 7 अक्टूबर को इजराइल पर किए गए हमलों की निंदा भी की। और बंधकों की जल्द से जल्द रिहाई की मांग की है। हमास के हमलों पर बोलते हुए कंबोज ने कहा है 'आतंकवाद को कभी भी सही नहीं ठहराया जा सकता। भारत हमेशा से आतंकवाद का विरोध करता है और करता रहेगा।
ग़ाज़ा में युद्ध विराम के मुद्दे को लेकर गतिरोध जारी
इसराइल ने बंधकों की रिहाई के बिना ग़ाज़ा में इसराइल के साथ युद्ध विराम के प्रस्ताव को फिर ख़ारिज कर दिया है। भारत की स्थायी प्रतिनिधी रुचिरा कंबोज Ruchira Kamboj ने इजराइल और हमास दोनों से अंतरराष्ट्रीय कानूनों और मानवीय कानूनों का पालन करने को कहा। उन्होंने कहा, 'हम सभी बंधकों की रिहाई की मांग करते हैं।
हमास बंधकों की रिहाई के लिए तैयार नहीं
इसराइल ने अपने बंधकों की रिहाई के बिना ग़ाज़ा में इसराइल के साथ शांति के प्रस्ताव को फिर ख़ारिज कर दिया है। कभी एक सैनिक के बदले इजरायल ने हजार से ज्यादा फिलिस्तीनी कैदी छोड़े थे । लेकिन आज हमास के नेता बंधकों की रिहाई के लिए तैयार नहीं हैं। इसीलिए इसरायल किसी दबाव मेंझुकने को तैयार नहीं है। इससे पहले हमास के नेता भी कह चुके है कि अगर फिलिस्तीन को स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता मिलती है। तो हमास हथियार डाल देगा।
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फिलिस्तीन को सहायता के लिए भारत प्रतिबद्ध
भारत ने गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने पर जोर देने की भी बात कही है। कंबोज Ruchira Kamboj ने कहा है कि गाजा में स्थिति बिगड़ने से रोकने के लिए लोगों की सहायता करना जरूरी है। भारत फिलिस्तीन में सहायता प्रदान करता रहेगा। और बाकि देशों से भी मानवीय मदद बढ़ाने का आग्रह करता है। भारत ने कहा है कि इस मुद्दे को सुलझाने के लिए हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के प्रयासों का स्वागत करते हैं।
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