Astrazeneca Corona Vaccine: एस्ट्राजेनेका ने दुनिया भर से वापस मंगवाई कोविशील्ड कोरोना वैक्सीन
Astrazeneca Corona Vaccine : कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड से होने वाले गंभीर साइड इफेक्ट की शिकायतों के बाद एस्ट्राजेनेका कंपनी ने बड़ा फैसला लिया है। कंपनी ने पूरी दुनिया से अपनी वैक्सीन को वापस मंगा लिया है। इसमें भारत में भी बनाई गई कोविशील्ड वैक्सीन शामिल है। इस फैसले से पहले कंपनी ने वैक्सीन के दुष्प्रभावों को भी स्वीकार किया था।
वैक्सीन वापस लेने के पीछे साइड इफेक्ट कारण नहीं
ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका कंपनी की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड को लेकर पिछले कुछ दिनों से दुनिया भर में बहस छिड़ी हुई है। कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने कोविशील्ड वैक्सीन लिया है उनमें हार्ट अटैक का खतरा बढ़ गया है। विश्व के अनेक देशों से मिल रही शिकायतों के बाद अब कंपनी ने अपना वैक्सीन वापस लेने का फैसला तो कर लिया लेकिन दावा किया है कि वैक्सीन को बंद करने का फैसला साइड इफेक्ट्स के कारण नहीं लिया गया। वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका प्रबंधन का कहना है कि वैक्सीन को व्यावसायिक कारणों से बाजारों से हटाया जा रहा है। अब बाजार में कई दूसरी एडवांस्ड वैक्सीन मौजूद हैं, जो वायरस के अलग-अलग वैरिएंट्स से लड़ सकती है। ऐसे में एस्ट्राजेनेका ने वैक्सीन बनाने और उसके सप्लाई पर पूरी तरह से रोक लगा दी है।
कंपनी ने माना-वैक्सीन से हार्ट अटैक का खतरा
गौरतलब है कि एस्ट्राजेनेका कंपनी ने वर्ष 2023 के फरवरी में ही ब्रिटिश हाईकोर्ट को बताया था कि उनकी कोविड-19 वैक्सीन के खतरनाक साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। कंपनी ने अदालत में जो दस्तावेज जमा कराए उनमें कहा गया था कि कोरोना वैक्सीन से कुछ मामलों में थ्रॉम्बोसिस थ्रॉम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम यानी टीटीएस हो सकता है। जानकारों ने बताया कि इस बीमारी के कारण शरीर में खून के थक्के जम जाते हैं और प्लेटलेट्स की संख्या गिर जाती है। हालांकि एस्ट्राजेनेका ने ये कहा था कि ऐसा बहुत दुर्लभ मामलों में ही होगा। कंपनी पर आरोप लगा था कि कोविशील्ड लेने के बाद इसके दुष्परिणामों के चलते कई लोगों की मौत हो गई।
यूरोपीय संघ में वैक्सीन का उपयोग बंद
अंग्रेजी अखबार द टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक, कंपनी प्रबंधन ने कहा है कि अब वैक्सीन को बनाने और उसके सप्लाई को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। ब्रिटिश मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एस्ट्राजेनेका कंपनी ने पिछले मार्च महीने में ही वैक्सीन वापस लेने का आवेदन दिया था। अब यह फैसला 7 मई से लागू हो गया। इसके साथ ही अब यूरोपीय संघ में वैक्सीन का उपयोग नहीं हो सकता।
ऑस्ट्रेलिया में इस वैक्सीन का नाम वैक्सजेवरिया
बताते चलें कि एस्ट्राजेनेका ने वर्ष 2020 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर कोरोना की वैक्सीन बनाई थी। उसी समय भारत में भी इसी फार्मूले पर सीरम इंस्टीट्यूट ने कोविशील्ड नाम से वैक्सीन बनाई। इस वैक्सीन को ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में 'वैक्सजेवरिया' नाम से जाना जाता है।
एस्ट्राजेनेका के खिलाफ दर्ज हैं 51 मामले
बताते चले कि कंपनी के खिलाफ हाईकोर्ट में 51 केस चल रहे हैं। कई लोगों ने आरोप लगाया है कि वैक्सीन लेने के बाद उन्हें गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ा। पीड़तों ने एस्ट्राजेनेका कंपनी से लगभग 1 हजार करोड़ का हर्जाना मांगा है। कोविशील्ड वैक्सीन से होने वाले साइड इफेक्ट की पहली शिकायत अप्रैल 2021 में जेमी स्कॉट नाम के शख्स ने की थी। उनका आरोप था कि वैक्सीन लेने के कुछ दिनों के बाद उनकी तबीयत बिगड़ने लगी। उन्होंने शिकायत की है कि वैक्सीन लेने के बाद उनके शरीर में खून के थक्के बनने का सीधा असर उनके दिमाग पर पड़ा। इसके अलावा स्कॉट के ब्रेन में इंटर्नल ब्लीडिंग भी हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, डॉक्टरों ने उनकी पत्नी से कहा था कि वो स्कॉट को नहीं बचा पाएंगे।
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