Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी का विशेष है महत्त्व , जानिये व्रत की सही तारीख
Varuthini Ekadashi 2024: वरुथिनी एकादशी, भगवान विष्णु को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू उपवास दिवस है। यह वैशाख (Varuthini Ekadashi 2024) के हिंदू चंद्र महीने में कृष्ण पक्ष के ग्यारहवें दिन को पड़ता है। इस वर्ष 2024 में, वरुथिनी एकादशी शनिवार 4 मई को है।
वरुथिनी एकादशी का महत्व (Significance of Varuthini Ekadashi)
वरुथिनी एकादशी हिंदुओं, विशेषकर भगवान विष्णु के अनुयायियों के लिए अत्यधिक शुभ मानी जाती है। भक्त भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने और खुद को पापों से मुक्त करने के लिए इस एकादशी का पालन करते हैं।
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा मांधाता (Varuthini Ekadashi 2024) एक धर्मात्मा शासक थे, जिन्होंने न्याय और करुणा के साथ अपने राज्य पर शासन किया। हालाँकि, एक गलतफहमी के कारण, उसने अनजाने में एक ऋषि की गाय को मार डाला। अपराधबोध से ग्रस्त राजा मांधाता ने ऋषि वशिष्ठ से मार्गदर्शन मांगा, जिन्होंने उन्हें अपने पाप का प्रायश्चित करने के लिए वरुथिनी एकादशी का पालन करने की सलाह दी। राजा ने भक्तिपूर्वक व्रत किया और अपने पापों से मुक्त हो गये।
माना जाता है कि वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2024) में आत्मा को शुद्ध करने और भक्तों को आध्यात्मिक उत्थान प्रदान करने की शक्ति होती है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को ईमानदारी और भक्ति के साथ करने से पिछले पापों को धोने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलती है। वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से शारीरिक स्वास्थ्य लाभ भी माना जाता है। यह पाचन तंत्र को आराम देता है, शरीर को टॉक्सिक फ्री करके स्वस्थ बनाता है।
पूजा का शुभ मुहूर्त और पारण
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2024) पर पूजन का शुभ मुहूर्त शनिवार 4 मई दिन की सुबह 7 बजकर 18 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 58 मिनट तक है। वरुथिनी एकादशी के व्रत का पारण अगले दिन यानी रविवार 5 मई की सुबह 5 बजकर 37 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 17 मिनट तक है।
उपवास और दान (Fasting and Charity)
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2024) पर भक्त सख्त उपवास रखते हैं, अनाज, दालें और कुछ सब्जियों का सेवन करने से परहेज करते हैं। कुछ लोग उपवास के दौरान पानी से भी परहेज कर सकते हैं, जबकि अन्य लोग पानी, दूध, फल और मेवे का सेवन करते हैं। भक्त दिन प्रार्थना, ध्यान और भगवान विष्णु को समर्पित ग्रंथों को पढ़ने में बिताते हैं। वे विष्णु मंदिरों में जाते हैं और देवता को प्रार्थना, फूल और अन्य प्रसाद चढ़ाते हैं।
वरुथिनी एकादशी (Varuthini Ekadashi 2024) के दिन दान देना और सेवा के कार्य करना शुभ माना जाता है। भक्त दान के रूप में जरूरतमंदों को भोजन, कपड़े और अन्य आवश्यक चीजें दान करते हैं। कुछ भक्त वरुथिनी एकादशी की पूर्व संध्या पर रात्रि जागरण करते हैं, रात को प्रार्थना में बिताते हैं और भगवान विष्णु की स्तुति में भजन गाते हैं।
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