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Vaishakha Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा, जानिए आज के दिन चंद्रमा को क्यों देना चाहिए अर्घ्य?

Vaishakha Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है। यह पूजा-पाठ और व्रत के पालन के लिए बहुत शुभ और पवित्र दिन माना जाता है। आम तौर पर वर्ष में 12 पूर्णिमा होते हैं और उनमें से...
06:09 PM May 21, 2024 IST | Preeti Mishra
(Image Credit: Social Media)

Vaishakha Purnima 2024: वैशाख पूर्णिमा का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है। यह पूजा-पाठ और व्रत के पालन के लिए बहुत शुभ और पवित्र दिन माना जाता है। आम तौर पर वर्ष में 12 पूर्णिमा होते हैं और उनमें से प्रत्येक का अपना अनूठा महत्व होता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, वैशाख महीने (Vaishakha Purnima 2024) की पूर्णिमा (Vaishakha Purnima 2024) वर्ष की सबसे महत्वपूर्ण पूर्णिमाओं में से एक है। यह वर्ष की दूसरी पूर्णिमा है और नरसिंह जयंती के ठीक बाद आती है। इसके अलावा वैशाख पूर्णिमा को सत्य विनायक पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन धार्मिक कार्य और दान आदि का बहुत महत्व होता है।

कब है वैशाख पूर्णिमा?

इस वर्ष वैशाख पूर्णिमा (Vaishakha Purnima 2024) गुरुवार, 23 मई को है। वैशाख पूर्णिमा 2024 के लिए महत्वपूर्ण तिथियां और समय नीचे दिए गए हैं:

पूर्णिमा तिथि आरंभ – 22 मई 2024 को शाम 0647 बजे से
पूर्णिमा तिथि समाप्त - 23 मई 2024 को शाम 07:22 बजे तक

वैशाख पूर्णिमा का महत्व

पूर्णिमा प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की पन्द्रहवीं तिथि को होती है। चूँकि वैशाख माह को बहुत पवित्र माना जाता है, इसलिए वैशाख माह की पूर्णिमा (Vaishakha Purnima 2024) बहुत विशेष होती है और इसका धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक होता है। ऐसा माना जाता है कि वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखने से सौभाग्य और स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है। इस दिन भगवान विष्णु का आशीर्वाद पाने के लिए सत्य नारायण पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन भक्त धर्मराज की पूजा भी करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन धर्मराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति मिलती है।

इतना ही नहीं इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति भी मिलती है। इसके अलावा, हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि भगवान कृष्ण ने अपने मित्र सुदामा को अच्छी संपत्ति पाने और जीवन में समृद्धि लाने के लिए वैशाख पूर्णिमा का व्रत करने के लिए कहा था। इसके अलावा, वैशाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा या बुद्ध जयंती - गौतम बुद्ध की जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इसके अलावा, इस दिन को तमिल हिंदुओं द्वारा चित्रा पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है।

वैशाख पूर्णिमा को क्यों दिया जाता है चंद्रमा को अर्घ्य?

मान्यता है कि चंद्र देव को अर्घ्य दिए बिना वैशाख पूर्णिमा (Vaishakha Purnima 2024) का व्रत अधूरा रहता है। माना जाता है कि चंद्र देव को अर्घ्य देने से वह अपनी किरणों के माध्यम से व्यक्ति को आशीर्वाद देते हैं। इस दिन चन्द्रमा भगवान की पूजा करने से मनुष्य का भाग्य बदल जाता है। अगर आप इस दिन चंद्र देव को अर्घ्य देने जा रहे हैं तो कुछ सावधानियां बरतना भी जरुरी होता है। अर्घ्य देते समय सफेद या पीले रंग के वस्त्र धारण करें। साफ़ स्थान पर ही धूप, दीप और अगरबत्ती जला कर अर्घ्य दें। अर्घ्य देने के साथ "ॐ सोम नमः" मंत्र का 108 बार जाप करना ना भूलें।

वैशाख पूर्णिमा अनुष्ठान

वैशाख पूर्णिमा (Vaishakha Purnima 2024) के दिन पालन किए जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण अनुष्ठान नीचे दिए गए हैं:

- सुबह जल्दी उठ कर स्नान करें और भगवान विष्णु की पूजा की तैयारी शुरू करें।
- वैशाख पूर्णिमा का व्रत रखें।
- मंत्र जाप और भजनों द्वारा भगवान विष्णु की पूजा करें।
- इस दिन सत्य नारायण कथा भी की जाती है।
- पूजा के बाद ब्राह्मण को जल से भरा घड़ा दान करें।
- कुछ लोग पापों को खत्म करने के लिए वैशाख पूर्णिमा पर चीनी और तिल का दान भी करते हैं।
- इन अनुष्ठानों का उल्लेख विष्णु पुराण में भी किया गया है।

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