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Sawan Shani Pradosh Vrat 2024: इस दिन है सावन का अंतिम प्रदोष व्रत, जानें क्यों है इसका बहुत महत्व

Sawan Shani Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण उपवास है जो महीने में दो बार शुक्ल और कृष्ण पक्ष के 13वें दिन (त्रयोदशी) को मनाया जाता है। शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत (Sawan Shani...
03:13 PM Aug 10, 2024 IST | Preeti Mishra

Sawan Shani Pradosh Vrat 2024: प्रदोष व्रत एक महत्वपूर्ण उपवास है जो महीने में दो बार शुक्ल और कृष्ण पक्ष के 13वें दिन (त्रयोदशी) को मनाया जाता है। शनिवार को पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शनि प्रदोष व्रत (Sawan Shani Pradosh Vrat 2024) कहते हैं। जब यह व्रत सावन के पवित्र महीने में आता है तो इसका विशेष महत्व होता है। इस दिन भक्त स्वास्थ्य, समृद्धि और बाधाओं को दूर करने का आशीर्वाद पाने के लिए भगवान शिव और भगवान शनि की पूजा करते हैं। व्रत को सूर्योदय से सूर्यास्त तक उपवास करके मनाया जाता है, इसके बाद प्रदोष काल (सूर्यास्त के ठीक बाद की अवधि) के दौरान शाम की पूजा की जाती है।

कब है शनि प्रदोष व्रत?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, सावन का आखिरी प्रदोष व्रत सावन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि ((Sawan Shani Pradosh Vrat 2024)) को मनाया जाएगा। त्रयोदशी तिथि 17 अगस्त को सुबह 8:05 बजे शुरू होगी और 18 अगस्त को सुबह 5:51 बजे समाप्त होगी। इसलिए प्रदोष व्रत 17 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। चूंकि यह व्रत शनिवार के दिन पड़ता है इसलिए इसे शनि प्रदोष व्रत भी कहा जाता है।

शनि प्रदोष व्रत के दिन बन रहे हैं विशेष योग

इस बार शनि प्रदोष व्रत पर दो शुभ योग बनने के कारण इस शनि प्रदोष व्रत को बहुत शुभ माना जा रहा है। प्रीति योग सुबह से 10:48 बजे तक, उसके बाद 17 अगस्त से आयुष्मान योग 18 अगस्त को सुबह 7:51 बजे तक रहेगा। सावन के शनि प्रदोष व्रत पर पूजा करने का शुभ समय शाम 6:58 बजे से 9:09 बजे के बीच है। भक्तों को अनुष्ठान के लिए 2 घंटे और 11 मिनट का समय मिलेगा।

शनि प्रदोष व्रत का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार शनि प्रदोष व्रत का अत्यधिक महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव और शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करने से नि:संतान दंपत्तियों को संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही शनिदेव की कृपा से सभी रुके हुए काम भी बनने लगते हैं। शनि की साढ़े साती या शनि की ढैय्या से परेशान लोगों को विशेष रूप से शनि प्रदोष व्रत करने की सलाह दी जाती है। कहा जाता है कि जो भक्त इस व्रत को पूरी श्रद्धा से करते हैं, उन्हें सभी दुखों से मुक्ति मिलती है और उनके घर में सुख, समृद्धि और धन का आगमन होता है। इस वर्ष, सावन में शनि प्रदोष व्रत दिव्य आशीर्वाद और अपनी इच्छाओं की पूर्ति चाहने वाले भक्तों के लिए एक शुभ अवसर है।

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