राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

Pitru Paksha 2024: पितरों को संतुष्ट करने के लिए पितृ पक्ष में क्या करें और क्या ना करें? जानें ज्योतिषाचार्य से

Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष शुरू होने में अब बस दो दिन बाकी है। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय के अनुसार पितृ पक्ष 18 सितम्बर बुधवार को प्रातः 08:42 से आरम्भ होगा। उस दिन प्रातः...
01:00 PM Sep 16, 2024 IST | Preeti Mishra

Pitru Paksha 2024: पितृ पक्ष शुरू होने में अब बस दो दिन बाकी है। महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय के अनुसार पितृ पक्ष 18 सितम्बर बुधवार को प्रातः 08:42 से आरम्भ होगा। उस दिन प्रातः काल 8 बजकर 41 मिनट तक पूर्णिमा तिथि है उसके पश्चात पितृपक्ष (Pitru Paksha 2024) आरम्भ हो जाएगा। इसके बाद उसी दिन से पितृ तर्पण व पिण्ड दानादि कार्य आरम्भ हो जायेगा। वहीं पितृ विसर्जन 02 अक्टूबर दिन बुधवार को होगा।

श्राद्ध कार्य कभी भी मध्याह्न में ही करना चाहिए

इस वर्ष पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2024)15 दिन का है। "मध्याह्ने श्राद्धम् समाचरेत" अतः श्राद्ध कार्य कभी भी मध्याह्न में ही करना चाहिए। बहुत से लोग इस बात से भ्रमित रहते है कि इस वर्ष अपनी कन्या या पुत्र का विवाह आदि मांगलिक कार्य किया है अतः इस वर्ष पितृ पक्ष का जल दान, अन्न दान व पिण्ड दान न करें यह अशुभ है। परन्तु निर्णयसिंधुकार के कथनानुसार, सभी मांगलिक कार्यों में पितृ कार्य उत्तम व आवश्यक माना गया है। तभी तो हम जनेऊ, विवाह आदि मांगलिक कार्य करने से पूर्व नान्दीमुख श्राद्ध अवश्य करते है। अभिप्राय यह है कि हमारे यहां होने वाले शुभ कार्य मे किसी भी प्रकार का विघ्न न हो।

यह पितृ पक्ष वर्ष में एक बार आश्विन कृष्ण पक्ष में पितरों की पूजा हेतु आता है। कहा गया है कि देवताओं की पूजा में कदाचित भूल होने पर देवता क्षमा कर देते है परन्तु पितृ कार्य में न्यूनता व आलस्य करने से पितर असन्तुष्ट हो जातें है, जिससे हमें रोग, शोक आदि भोगने पड़ते है।

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय
पिता की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो तो श्राद्ध पितृविसर्जन को करें

ज्योतिषाचार्य राकेश पाण्डेय बताते है कि शास्त्रों में हर जगह नित्य देखने को मिलता है कि मातृ देवो भव, पितृ देवो भव अतः माता-पिता के समान कोई देवता नही उनकी संतृप्ती व आशीर्वाद हमें जीवन मे हर प्रकार का सुख देता है। अतः इस भ्रान्ति को मन मस्तिष्क में न पालकर इस पितृ पर्व को हर्षोल्लास पूर्वक मनाना चाहिए। जिसमें नित्य जल दान व तिथि पर अन्न वस्त्र आदि दान करना चाहिए। जिनके पिता की मृत्यु तिथि ज्ञात न हो उनका श्राद्ध पितृविसर्जन को करें।

पितृ पक्ष की तिथियां

प्रतिपदा का श्राद्ध- 18 सितम्बर, बुधवार
द्वितीयाका श्राद्ध- 19 सितम्बर, गुरुवार
तृतीया का श्राद्ध- 20 सितम्बर, शुक्रवार
चतुर्थी का श्राद्ध- 21 सितम्बर, शनिवार
पञ्चमी का श्राद्ध- 22 सितम्बर, रविवार
षष्ठी का श्राद्ध- 23 सितम्बर, सोमवार
सप्तमी का श्राद्ध- 24 सितम्बर, मंगलवार
अष्टमी का श्राद्ध- 25 सितम्बर, बुधवार
नवमी का श्राद्ध- 26 सितम्बर, गुरुवार
दशमी का श्राद्ध- 27 सितम्बर, शुक्रवार
एकादशी का श्राद्ध- 28 सितम्बर, शनिवार
द्वादशी का श्राद्ध- 29 सितम्बर, रविवार
त्रयोदशी का श्राद्ध- 30 सितम्बर, सोमवार
चतुर्दशी का श्राद्ध- 1 अक्टूबर, मंगलवार
अमावस्या/पूर्णिमा दोनों का श्राद्ध व पितृविसर्जन- 2 अक्टूबर, बुधवार

यह भी पढ़ें: Vishwakarma Puja 2024 Date: कल मनाया जायेगा विश्वकर्मा पूजा? जानें शुभ मुहूर्त, इसका महत्व और पूजा विधि

Tags :
Pitru PakshaPitru Paksha 2024Pitru Paksha 2024 DatesPitru Paksha Do's and Dont'sPitru Paksha Significanceपितृ पक्षपितृ पक्ष 2024पितृ पक्ष 2024 तिथिपितृ पक्ष का महत्वपितृ पक्ष में क्या करें और क्या ना करें
Next Article