राजस्थानराजनीतिनेशनलअपराधकाम री बातम्हारी जिंदगीधरम-करममनोरंजनखेल-कूदवीडियोधंधे की बात

MahaKumbh 2025 : क्या होता है कल्पवास ? जानिए इसके नियम और महत्व के बारे में....

कुम्भ मेले में श्रद्धालु और साधु संत संगम नदी के में डुबकी लगाते हैं। इसके साथ वे कल्पवास के नियमों का भी पालन करते हैं।
08:33 AM Jan 19, 2025 IST | Jyoti Patel
MahaKumbh 2025

Mahakumbh 2025 : भारत के प्रयागराज में दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस महाकुंभ मेले में देश-विदेश से लोग भाग लेने आ रहें हैं। कुम्भ मेले में श्रद्धालु और साधु संत संगम नदी के में डुबकी लगाते हैं। इसके साथ वे कल्पवास के नियमों का भी पालन करते हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कहा जाता है, कि कल्पवास का पालन करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है, उनकी विशेष कृपा आपको प्राप्त होती है। जानकारी के लिए आपको बता दें कि कल्पवास आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिकता की तरफ बढ़ने का एक रास्ता है। आप चाहे तो कल्पवास आप कभी भी कर सकते हैं, लेकिन कुंभ के दौरान इसे करने का विशेष महत्व होता है। ऐसे में आज हम आपको कल्पवास से जुड़े नियमो के बारे में बताएँगे।

क्या होता है कल्पवास

अगर आपको कल्पवास के बारे में जानकरी नहीं हैं तो आपको बता दें, कल्पवास का मतलब होता है पूरे एक महीने तक संगम के तट पर रहकर वेद अध्ययन ध्यान और पूजन करना होता है। कल्पवास करने वाले व्यक्ति को सफेद या पीले रंग का वस्त्र पहनना होता है। बता दें, सबसे कम अवधि का कल्पवास एक रात का होता है। इसके अलावा कल्पवास की अवधि तीन रात, तीन महीने, 6 महीने, 6 साल, 12 साल या जीवनभर का हो सकता है। बता दें कि पद्म पुराण में कल्पवास के 21 नियम हैं। जो व्यक्ति 45 दिन इन नियमों का पालन करना होता है तभी कल्पवास का पूरा फल प्राप्त होता है।

क्या है कल्पवास के नियम ?

सत्यवचन
अहिंसा
इंद्रियों पर वस रखना
सभी प्राणियों पर दया भाव रखना
ब्रह्मचर्य का पालन करना
बुरी आदतों से दूर रहना
ब्रह्म मुहूर्त में उठना
तीन बार पवित्र नदी में स्नान करना
त्रिकाल संध्या का ध्यान करना
पिंडदान करना
दान-पुण्य करना
अंतर्मुखी जप
सत्संग
संकल्पित क्षेत्र से बाहर न जाना
निंदा ना करना
साधु- संतों की सेवा
जप और कीर्तन करना
एक समय भोजन करना
जमीन पर सोना
अग्नि सेवन न करना
देव पूजन करना

कल्पवास का महत्त्व

जो व्यक्ति पूरी श्रद्धा और निष्ठापूर्वक नियमों का पालन करते हैं उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। कहा जाता है, कि कुंभ मेले के दौरान किया गया कल्पवास उतना ही फलदायक होता है जितना 100 सालों तक बिना अन्न ग्रहण किए तपस्या करना। साथ ही कुंभ में कल्पवास करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इससे आपको सुख-समृद्धि और सौभाग्या की प्राप्ति होती है।

ये भी पढ़ें :

Tags :
benefits of kalpvasKalpvaaskalpvas importancekalpvas in kumbhkalpvas ke niyamkalpwasKumbh Mela 2025Maha Kumbh 2025Mahakumbh 2025Mahakumbh 2025 KalpwasPrayagraj Kumbhwhat is kalpvasकल्पवासकल्पवास का महत्वकल्पवास के नियमकल्पवास के लाभकल्पवास कैसे करेंकल्पवास क्या हैकुंभ में कल्पवासकुंभ मेला 2025प्रयागराज कुंभमहाकुंभ 2025महाकुंभ 2025 कल्पवास
Next Article