Maghi Amavasya 2025: अमावस्या के दिन इन उपायों से मिलेगा चंद्र दोष से मुक्ति, ऐसे करें पूजा
Maghi Amavasya 2025: हिंदू धर्म में अमावस्या का दिन बहुत महत्वपूर्ण दिन माना जाता है। इस दिन का एकमात्र उद्देश्य पूर्वजों या पितरों का सम्मान करना है। अमावस्या (Maghi Amavasya 2025) हर महीने आती है। हिंदू धर्म में सबसे प्रसिद्ध अमावस्या में मौनी या माघी अमावस्या, सोमवती अमावस्या, शनिचरी अमावस्या, कार्तिक अमावस्या, महालया अमावस्या या सर्व पितृ अमावस्या, हरियाली अमावस्या और वट अमावस्या हैं।
कब है माघी अमावस्या?
मौनी अमावस्या, जिसे माघी अमावस्या भी कहा जाता है, एक उल्लेखनीय दिन है जो माघ महीने के दौरान अमावस्या के दिन (Maghi Amavasya 2025 Date) पड़ता है। माघी अमावस्या 29 जनवरी, बुधवार को पड़ने वाली है।
अमावस्या तिथि आरंभ - 28 जनवरी 2025 - शाम 7:35 बजे तक
अमावस्या तिथि समाप्त - 29 जनवरी, 2025 - शाम 6:05 बजे
इन लोगों के लिए होता है यह दिन अशुभ
यह दिन चंद्रमा को समर्पित है और चंद्रमा अपने अस्त चरण में होता है। इसलिए उन लोगों के लिए यह दिन अशुभ होता है जिनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा खराब स्थिति में होता है। ज्योतिष के अनुसार, ऐसे लोगों के लिए यह एक अच्छा दिन नहीं होता है। इसलिए, इस दिन चंद्रमा के नकारात्मक प्रभावों को (Remedies to get rid of bad effects of Moon) खत्म करना जरुरी होता है।
गृह प्रवेश, मुंडन, विवाह और सगाई सहित किसी भी शुभ अनुष्ठान को करने के लिए अमावस्या के दिन को अशुभ माना जाता है। अमावस्या के दिनों को पवित्र गंगा में स्नान करने, हवन करने, ब्राह्मणों को भोजन कराने, धर्मार्थ गतिविधियों में भाग लेने और पितृ तर्पण, पितृ पूजा और पिंड दान करके पूर्वजों को प्रार्थना करने सहित धार्मिक अनुष्ठान करने के लिए शुभ माना जाता है।
इस विधि से पाएं चंद्र दोष से मुक्ति
चूंकि यह दिन चंद्रमा को समर्पित है और चंद्रमा अपने अस्त चरण में होता है। यह उन लोगों के लिए अशुभ होता है जिनकी जन्म कुंडली में चंद्रमा खराब स्थिति में है। इसलिए, हम चंद्रमा के नकारात्मक प्रभावों को खत्म करने में (How to Get rid of bad effects of Moon) आपकी मदद करने के लिए कुछ उपाय प्रदान कर रहे हैं।
पवित्र स्नान करें: मन और शरीर को शुद्ध करने के लिए गंगा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करें।
सफेद वस्तुएं दान करें: जरूरतमंदों को चावल, दूध, चीनी या सफेद कपड़े चढ़ाएं क्योंकि ये चंद्रमा की ऊर्जा का प्रतीक हैं।
चंद्रमा के मंत्रों का जाप करें: चंद्रमा के सकारात्मक प्रभाव को मजबूत करने के लिए "ओम सोम सोमाय नमः" मंत्र का जाप करें।
भगवान शिव की पूजा करें: मानसिक शांति के लिए दूध और सफेद फूलों से शिव की पूजा करें।
मौन का अभ्यास करें: भावनाओं को संतुलित करने और चंद्रमा के प्रभाव को स्थिर करने के लिए मौन का पालन करें।
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