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Jagannath Rath Yatra 2024: आज निकलेगी भव्य जगन्नाथ रथ यात्रा, 1971 के बाद पहली बार बन रहे हैं अनुष्ठान के ये तीन संयोग

Jagannath Rath Yatra 2024: ओडिशा के पूरी में आज भव्य रथ यात्रा निकलेगी। आज भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा, भव्य और विस्तृत रूप से सजाए गए रथों पर बिठाकर जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर (Jagannath Rath Yatra...
06:30 AM Jul 07, 2024 IST | Preeti Mishra

Jagannath Rath Yatra 2024: ओडिशा के पूरी में आज भव्य रथ यात्रा निकलेगी। आज भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा, भव्य और विस्तृत रूप से सजाए गए रथों पर बिठाकर जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर (Jagannath Rath Yatra 2024) तक ले जाया जाएगा। यह यात्रा देवताओं की अपनी मौसी के घर की यात्रा का प्रतीक है। रथ यात्रा शुरू होने से पहले एक छेरा पाहनरा अनुष्ठान होगा जिसमे गजपति राजा रथ को साफ़ करेंगे। रथ यात्रा में लाखों लोगों के भीड़ उमड़ने की उम्मीद है। राज्य में पहले ही रथ यात्रा को लेकर मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने दो दिवसीय छुट्टी की घोषणा कर दी है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी शामिल होंगी रथ यात्रा में

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी आज ओडिशा के पुरी में वार्षिक भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा में शामिल होंगी। राष्ट्रपति भवन की एक विज्ञप्ति के अनुसार, राष्ट्रपति मुर्मू शनिवार 6 जुलाई को ही ओडिशा पंहुच गयी हैं। वो राज्य की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। रथ यात्रा के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पुरी और उसके आसपास कड़े सुरक्षा उपाय लागू किए गए हैं। रथ यात्रा में राष्ट्रपति के दौरे (Jagannath Rath Yatra 2024) को लेकर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। ओडिशा के राज्यपाल, मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों और अन्य गणमान्य व्यक्तियों के लिए एक वीआईपी जोन की योजना बनाई गई है, जबकि राष्ट्रपति के लिए एक बफर जोन बनाया गया है। तीर्थनगरी में राष्ट्रपति मुर्मू की यात्रा की निगरानी के लिए एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एक समर्पित टीम का गठन किया गया है।

भारी बारिश की है पूरी सम्भावना

ओडिशा में कल जगहों पर भारी बारिश का अनुमान है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने अगले चार दिनों में ओडिशा के कई जिलों में भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। आईएमडी बुलेटिन में कहा गया है कि 7 जुलाई को गजपति, रायगड़ा, कालाहांडी, नबरंगपुर, खुर्दा, नयागढ़, कटक, पुरी, मयूरभंज, क्योंझर, कोरापुट, मलकानगिरी, कंधमाल और गंजम जिलों में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है।

जानिए रथ यात्रा के बारे में सब कुछ

- पुरी की रथ यात्रा सबसे पुराने और सबसे बड़े हिंदू रथ उत्सव के रूप में प्रसिद्ध है। यह प्रतिवर्ष आषाढ़ (जून-जुलाई) के चंद्र माह के शुक्ल पक्ष के दौरान होता है।

- यह त्यौहार ओडिशा के पुरी में होता है और देवता जगन्नाथ पर केंद्रित है, जिन्हें विष्णु या कृष्ण का रूप माना जाता है।

- त्योहार के दौरान, तीन देवताओं - जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा - को कई भक्तों द्वारा तीन विशाल लकड़ी के रथों में बड़ा डंडा के नाम से जाने जाने वाले भव्य रास्ते से गुंडिचा मंदिर तक ले जाया जाता है।

-जगन्नाथ मंदिर लौटने से पहले देवता एक सप्ताह के लिए गुंडिचा मंदिर में रुकते हैं। इस वापसी यात्रा को बहुदा यात्रा के नाम से जाना जाता है।

- इस वर्ष की पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा 'नबजौबाना दर्शन', 'नेत्र उत्सव' और 7 जुलाई को होने वाली 'गुंडिचा यात्रा' जैसे प्रमुख अनुष्ठानों की दुर्लभ घटनाओं के कारण भक्तों के लिए विशेष महत्व रखती है। ऐसा संयोजन 1971 के बाद से नहीं देखा गया है।

- विश्व स्तर पर मनाई जाने वाली रथ यात्रा पवित्र त्रिमूर्ति की अपनी मौसी, देवी गुंडिचा देवी के मंदिर की यात्रा के साथ शुरू होती है।

- यह त्यौहार 16 जुलाई को भगवान जगन्नाथ की अपने भाई-बहनों के साथ वापसी यात्रा के साथ समाप्त होता है। इसे बहुदा यात्रा कहते हैं।

- इसके अगले दिन यानि 17 जुलाई को देव शयनी एकादशी है। इस दिन से भगवान जगन्नाथ चार महीने के लिए क्षीर सागर में चिर निद्रा में लीन हो जाते हैं।

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