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Hartalika Teej 2024: हरितालिका तीज की पूजा में जरूर जपें ये मंत्र , पूर्ण होगी हर मनोकामना

Hartalika Teej 2024: हरितालिका तीज एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो देवी पार्वती और भगवान शिव के सम्मान में मनाया जाता है। इस वर्ष हरितालिका तीज शुक्रवार 6 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत (Hartalika Teej 2024)...
06:13 PM Sep 03, 2024 IST | Preeti Mishra

Hartalika Teej 2024: हरितालिका तीज एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो देवी पार्वती और भगवान शिव के सम्मान में मनाया जाता है। इस वर्ष हरितालिका तीज शुक्रवार 6 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत (Hartalika Teej 2024) रखती हैं और अपने पतियों की भलाई और दीर्घायु के लिए या अविवाहित होने पर एक अच्छे पति के लिए प्रार्थना करती हैं। इस त्यौहार में विस्तृत अनुष्ठान, भक्ति गीत गाना और नृत्य करना शामिल है। भक्त पारंपरिक पोशाक पहनते हैं, अक्सर हरे, लाल या पीले रंग की। अगले दिन पूजा करने और देवी को प्रसाद चढ़ाने के बाद व्रत तोड़ा जाता है।

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ट्रस्ट के ज्योतिषाचार्य पं.राकेश पाण्डेय ने बताया है कि हरतालिका तीज व्रत भाद्रपद शुक्ल, तृतीया को करने का विधान है। तृतीया द्वितीया से विद न हो कर चतुर्थी से विद हो तो अत्यंत शुद्ध है क्योंकि द्वितीया तिथि पितरों की तिथि व चतुर्थी पुत्र की तिथि मानी गयी है जो शुक्रवार को इस वर्ष तृतीया तिथि दिवा 12:08 तक पश्चात् चतुर्थी तिथि प्रारम्भ हो जाएगी जो अत्यन्त शुभ है। इस वर्ष शुक्रवार का दिन हस्त नक्षत्र पश्चात्त चित्रा नक्षत्र रहेगा। शुक्ल योग भी मिल रहा है।

सधवा व विधवा दोनों स्त्रियां कर सकतीं हैं ये व्रत

ज्योतिषाचार्य राकेश पाण्डेय ने बताया कि इस व्रत को शास्त्र में सधवा व विधवा स्त्री (Hartalika Teej 2024)सबको करने की आज्ञा हैं। व्रत करने वाली स्त्रियों को चाहिए की व्रत के दिन सायं काल घर को तोरण आदि से सुशोभित कर आंगन में कलश रख कर उस पर शिव एवं गौरी की प्रतिष्ठा कर उनका षोडशोपचार वा पञ्चोपचार पूजन करें व मां गौरी का ध्यान कर निम्न मन्त्र का जप यथा सम्भव करें।

व्रत के समय जपें ये मंत्र

देवि देवि उमे गौरी त्राहि माम करुणा निधे ,ममापराधा छन्तव्य भुक्ति मुक्ति प्रदा भव।। का जप करती हुए रात्रि जागरण करें। दिन और रात में निराहार रहने का विधान है। दूसरे दिन प्रातः सूर्योदय के पश्चात् पारण करें।

व्रत में उम्र की कोई सीमा नहीं है

श्री पांडेय ने बताया कि शरीर में समर्थ रहने तक व्रत करें उम्र की कोई सीमा नही है। व्रत के उद्यापन (Hartalika Teej 2024) के समय शिव व माँ पार्वती जी की स्वर्ण की प्रतिमा या मिट्टी की मूर्ति बनवाकर सायं काल घर के मध्य (आँगन) या पूजा स्थान में पर स्थापित करें, पश्चात् पूजन करें व शिव के पञ्च वस्त्र व माता जी के लिए तीन वस्त्र व श्रृंगार की सामग्री अर्पित करें।

इसी दिन हरी काली, हस्त गौरी व कोतिश्वरी आदि के व्रत भी होते हैं,इसमें माँ पार्वती के पूजन की प्रधानता है।इस व्रत को भगवान शिव की प्राप्ति हेतु पर्वत राज तनया माँ पार्वती ने सर्व प्रथम किया था। निष्ठा पूर्वक इस व्रत का पालन करने वाली स्त्रियाँ सदा सौभाग्यवती बनी रहती हैं।

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