Chaitra Navratri 2025: इस बार नौ नहीं बल्कि आठ दिन की होगी चैत्र नवरात्रि, जानें कारण और तिथियां
Chaitra Navratri 2025: चैत्र के हिंदू महीने में पड़ने वाली नवरात्रि मां दुर्गा और भगवान राम के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो मार्च या अप्रैल में मनाया जाता है। इन नौ दिनों के दौरान, लोग देवी शक्ति के नौ रूपों (Chaitra Navratri 2025) का सम्मान करते हैं। अंतिम दिन भगवान राम के जन्म का जश्न मनाते हुए राम नवमी मनाया जाता है।
सितंबर या अक्टूबर में अधिक व्यापक रूप से ज्ञात शारदीय नवरात्रि के दौरान किए जाने वाले कई अनुष्ठान भी चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025) के दौरान मनाए जाते हैं। यह उत्सव हिंदू लूनी-सौर कैलेंडर की शुरुआत का प्रतीक है, जो इसे आध्यात्मिक नवीनीकरण और उत्सव का समय बनाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र नवरात्रि इस साल 9 के बजाय 8 दिनों की ही होगी। आइये जानतें हैं इसका कारण, चैत्र नवरात्रि की शुरुआत की तारीख और महत्व।
क्यों इस बार 8 दिन की होगी चैत्र नवरात्रि?
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri 2025 Days) इस बार 9 की जगह 8 दिन मनाई जाएगी। हिंदू पंचांग के अनुसार, चंद्र ग्रहण के कारण पंचमी तिथि को छोड़ दिया जा रहा है, जिसके परिणामस्वरूप चैत्र नवरात्रि का उत्सव अवधि कम होगी। इसलिए, यह 9 की जगह 8 दिन मनाई जाएगी।
कब से शुरू हो रही चैत्र नवरात्रि, कब होगा समापन?
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri Dates) 30 मार्च 2025 को आरंभ होगी और 7 अप्रैल 2025 को समाप्त होगी। चैत्र माह की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 29 मार्च को शाम 4:27 बजे आरंभ होगी और 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे समाप्त होगी, जिसके साथ ही चैत्र नवरात्रि उत्सव की शुरुआत हो जाएगी।
चैत्र नवरात्रि का महत्व
चैत्र नवरात्रि का वैदिक हिंदू ज्योतिष में बहुत महत्व है। यह वह समय है जब सूर्य सभी 12 राशियों से होकर अपनी यात्रा पूरी करने के बाद पहली राशि मेष में फिर से प्रवेश करता है। यह घटना सनातन हिंदू कैलेंडर में एक नए साल की शुरुआत का भी संकेत देती है।
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri Significance) के दौरान, भक्त देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं, जिनमें से प्रत्येक दिव्य स्त्री के एक अलग पहलू का प्रतिनिधित्व करता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, चैत्र नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा धरती पर अवतरित हुईं और उनके कहने पर भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्मांड और उसमें मौजूद सभी जीवन का निर्माण शुरू किया।
यह पर्व भगवान विष्णु के अवतारों से भी जुड़ा हुआ है। माना जाता है कि मत्स्य अवतार चैत्र नवरात्रि के तीसरे दिन अवतरित हुए थे, जो धरती माता के निर्माण की शुरुआत का प्रतीक है। नौवें दिन को राम नवमी के रूप में जाना जाता है, जो भगवान विष्णु के सातवें अवतार भगवान राम के जन्म का जश्न मनाता है।
चैत्र नवरात्रि के अनुष्ठान
चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri Rituals) के दौरान भक्त उपवास, मंत्र जाप और देवी दुर्गा की पूजा सहित विभिन्न अनुष्ठान करते हैं। वे अपने घरों को भी साफ-सुथरा रखते हैं और सजाते हैं तथा सात्विक भोजन और फल खाते हैं। नौवें दिन हवन और कन्या पूजन के बाद व्रत तोड़ा जाता है।
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