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Reet Scam:"पिता के ढाबे के पीछे खेल रही थी छुपन-छुपाई! साइक्लोनर टीम ने किया गेम ओवर

Reet Scam: रीट पेपर लीक मामले में तीन साल से फरार चल रही एक युवती आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ ही गई। वह कानून की नजरों से बचने के लिए अपने पिता के ढाबे के पीछे बने एक गुप्त...
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Reet Scam: रीट पेपर लीक मामले में तीन साल से फरार चल रही एक युवती आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ ही गई। वह कानून की नजरों से बचने के लिए अपने पिता के ढाबे के पीछे बने एक गुप्त कमरे में छिपी हुई थी। (Reet Scam)लेकिन कहते हैं, कानून के हाथ लंबे होते हैं। पुलिस ने सटीक योजना बनाते हुए सादी वर्दी में ग्राहक का रूप धारण किया। ढाबे पर पहुंचते ही, चारों तरफ घेराबंदी की और दबिश देकर आरोपी को धर दबोचा। यह गिरफ्तारी एक सटीक रणनीति और धैर्य का परिणाम थी, जो अपराधियों के हौसले पस्त करने के लिए मिसाल बन गई।

बंबोर के ढाबे के पीछे से पकड़ी गई इमरती

जोधपुर रेंज की स्पेशल साइक्लोनर टीम ने बालोतरा थाना क्षेत्र के बंबोर में एक सटीक योजना के तहत इमरती (30) पत्नी रमेश बिश्नोई को गिरफ्तार किया। रेंज आईजी विकास कुमार के अनुसार, इमरती पर 25 हजार का इनाम घोषित था और वह 2021 के रीट परीक्षा घोटाले में मुख्य आरोपियों में से एक थी।

रीट परीक्षा में डमी कैंडिडेट का किया था इस्तेमाल

साल 2021 में इमरती ने रीट परीक्षा में अपनी जगह छमी बिश्नोई को डमी कैंडिडेट के रूप में बैठाया था। जांच के दौरान उसके दस्तावेज और परीक्षा प्रवेश-पत्र में छेड़छाड़ के सबूत मिले थे। इस घटना के बाद से इमरती फरार चल रही थी और पुलिस उसे पकड़ने के लिए लगातार प्रयास कर रही थी।

तीन बार चकमा दिया, चौथी बार पकड़ी गई

फरारी के दौरान इमरती ने कल्याणपुर, जोधपुर और बंबोर जैसे स्थानों पर अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ली। बंबोर में वह अपने पिता की होटल के पीछे बने एक कमरे में छिपी थी। पुलिस की टीम ने रविवार शाम सादी वर्दी में ग्राहक बनकर ढाबे पर दबिश दी और घेराबंदी कर उसे गिरफ्तार किया।

चार अन्य महिलाएं पहले ही गिरफ्तार

मामले की मुख्य आरोपी छमी बिश्नोई को तीन महीने पहले वृंदावन से गिरफ्तार किया गया था। उसकी सूचना पर भंवरी, संगीता और किरण जैसी अन्य डमी कैंडिडेट्स को भी पकड़ा गया। इन सभी पर परीक्षा में धांधली करने के आरोप हैं।

साइक्लोनर टीम की उपलब्धियां

इस गिरफ्तारी में हेड कॉन्स्टेबल महिपाल सिंह, कॉन्स्टेबल गोपाल जानी और पूरी साइक्लोनर टीम की अहम भूमिका रही। टीम के सदस्य दो-दो के समूह में होटल में पहुंचे और ड्राइवर ने बाहर से घेराबंदी की। साइक्लोनर सेल ने गठन के आठ महीने में अब तक 56 अपराधियों को दबोचा है। इमरती की गिरफ्तारी टीम की कुशलता और सतर्कता का एक और उदाहरण है।

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