भयानक हकीकत! आरोपी बोले, ‘नाबालिगों और महिलाओं को जितना शिकार किया, अब तक याद नहीं!
Pratapgarh Crime News: पिछले कुछ वर्षों में राजस्थान में दुष्कर्म और ब्लैकमेलिंग की घटनाएं एक भयानक रूप ले चुकी हैं, और अब बिजयनगर में सामने आए नाबालिग छात्राओं से दुष्कर्म के मामले ने पूरे प्रदेश को हिला कर रख दिया है। यह वारदात एक गंभीर समस्या की ओर इशारा करती है, जहां अपराधी न केवल निर्दोष बच्चियों का शिकार करते हैं, बल्कि उन्हें डर और धमकी के जरिए चुप रहने के लिए मजबूर कर देते हैं। (Pratapgarh Crime News) इससे पहले जनवरी 2022 में धरियावद (प्रतापगढ़) में भी एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई थी, जिसमें 7 बदमाशों ने नाबालिगों को सुनसान इलाकों में ले जाकर दुष्कर्म किया और वीडियो बनाकर उनका शोषण किया। यह दोनों घटनाएं इस बात को साबित करती हैं कि समाज में किस कदर हिंसा और दुष्कर्म की घटनाओं का विस्तार हो रहा है।
अदालत में अंतिम दौर की सुनवाई
धरियावद मामले में अदालत में अब अंतिम दौर की सुनवाई चल रही है, और जल्द ही इस मामले में फैसला आ सकता है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक तरुण दास बैरागी पैरवी कर रहे हैं।
अब तक अभियोजन ने 145 से ज्यादा दस्तावेज और सबूत अदालत में पेश किए हैं, और दो प्रमुख मामलों में 52 गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। हाईकोर्ट में आरोपियों की जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं, और अब मामले की गहराई से जांच चल रही है।
दिन में मजदूरी, रात में अपराध
आरोपी बदमाशों ने अपराध करने के लिए गैंग बनाई थी, जो दिन में मजदूरी करते थे और शाम को जिम जाते थे। रात में, वे सुनसान इलाकों में शराब पार्टी करते और फिर महिलाओं का पीछा करते थे। इनका काम था महिलाओं को सुनसान इलाके में ले जाकर दुष्कर्म करना और उनका वीडियो बनाना। बाद में, महिलाओं को उनके गांव से 2-3 किलोमीटर पहले बाइक पर छोड़ दिया जाता था। इन सात आरोपियों में दो सगे भाई भी शामिल हैं, जिनकी छोटी-छोटी बच्चियां भी हैं।
एसपी की समझाइश पर दो महिलाओं ने मामला दर्ज कराया, लेकिन अन्य महिलाएं डर के कारण अब तक सामने नहीं आ पाईं। इन बदमाशों के मोबाइल से मिले वीडियो से रोंगटे खड़े हो गए। यह वीडियो पीड़ितों को डराते थे और उन्हें बार-बार दुष्कर्म के लिए मजबूर करते थे, ताकि वे किसी से कुछ न कहें।
पीड़ितों के बयान जब जज के सामने दर्ज हो रहे थे, तो जज भी उनकी आपबीती सुनकर भावुक हो उठीं। अभियोजक तरुण दास बैरागी ने कहा कि इस मामले में आरोपियों की पाशविकता की हदें पार कर दी गई थीं। जब वे केस पढ़ते हैं, तो उनके हाथ कांपते हैं, और इस अत्याचार का वर्णन शब्दों में करना भी कठिन हो जाता है।
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