"ZUDIO" शोरूम के साथ राजेंद्र विजय का भव्य टोंक रोड निवास...क्या है इसकी कहानी?
Disproportionate Assets: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB ) ने कोटा संभागीय आयुक्त राजेन्द्र विजय के खिलाफ (Disproportionate Assets) अर्जित करने के मामले में सर्च ऑपरेशन चलाया है। यह कार्रवाई 2 अक्टूबर को चार स्थानों पर एक साथ की गई, जिसमें करोड़ों रुपये की अघोषित संपत्तियों का खुलासा हुआ। एसीबी की कार्रवाई के बाद तत्काल प्रभाव से एपीओ (असाइनमेंट पेंडिंग ऑर्डर) कर दिया गया है। यह पहली बार है जब एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी पर ऐसी गंभीर कार्रवाई की गई है।
पिछले 5 माह की जांच के बाद मामला दर्ज
एसीबी ने राजेन्द्र विजय की अघोषित संपत्तियों की जांच की, जिसके बाद उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया गया। 1 अक्टूबर को एफआईआर दर्ज होने के बाद कोर्ट से सर्च की परमिशन ली गई। 2 अक्टूबर को सुबह से राजेन्द्र विजय के चार ठिकानों पर (जयपुर के दो, कोटा और दौसा) सर्च कार्रवाई शुरू की गई।
भ्रष्टाचार के साधनों का उपयोग
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक डॉ. रवि प्रकाश मेहरड़ा ने जानकारी दी कि एसीबी को गोपनीय सूत्रों से सूचना मिली थी कि राजेंद्र विजय ने अपने और अपने परिजनों के नाम पर वैध आय से अधिक चल-अचल संपत्तियाँ अर्जित की हैं, जिनकी अनुमानित बाजार कीमत करोड़ों रुपये से अधिक है।
एसीबी की इंटेलिजेंस शाखा द्वारा इस सूचना का गुप्त सत्यापन किया गया। तथ्यों की पुष्टि होने पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मामला दर्ज किया गया। एसीबी जयपुर के उप महानिरीक्षक पुलिस कालूराम रावत के सुपरविजन में एसीबी की स्पेशल यूनिट द्वारा सक्षम न्यायालय से तलाशी वारंट प्राप्त किया गया।
छापे में मिले दस्तावेज
जयपुर स्थित आवास की तलाशी में एसीबी को 13 आवासीय और व्यावसायिक भूखण्डों के दस्तावेज मिले हैं, जिनमें टोंक रोड पर एक आलीशान मकान और "ZUDIO" व्यावसायिक शोरूम शामिल हैं। इसके अलावा, 2 लाख 22 हजार से अधिक की नगदी, 335 ग्राम सोने के आभूषण, 11 किलो 800 ग्राम चांदी के आभूषण, और 3 चार पहिया वाहन भी बरामद हुए हैं। एसीबी ने कई बीमा पॉलिसियों में निवेश, एक बैंक लॉकर और 16 अलग-अलग बैंक खातों के दस्तावेज भी जब्त किए हैं, जिनमें लाखों रुपये जमा हैं।
ब्यूरो के प्राथमिक आकलन के अनुसार, राजेंद्र विजय ने अपने सेवाकाल में भ्रष्टाचार के माध्यम से करोड़ों रुपये की संपत्तियां अर्जित की हैं। आरोपी और उनके परिजनों द्वारा कई बेनामी संपत्तियों में निवेश के साक्ष्य भी मिले हैं, जिनकी विस्तृत जांच की जाएगी। एसीबी की अतिरिक्त महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव के निर्देशन में यह जांच जारी है, और मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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