Rajasthan: मरीजों की जिंदगी से खिलवाड़? गलत दस्तावेज और लापरवाही पर राजस्थान में 8 डॉक्टर्स के लाइसेंस सस्पेंड!
Rajasthan Medical Council action:राजस्थान के चिकित्सा क्षेत्र में एक बड़ा खुलासा हुआ है जिसने स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। गलत दस्तावेज़ और इलाज में लापरवाही की शिकायतों के चलते, राजस्थान मेडिकल काउंसिल (आरएमसी) ने सख्त कदम उठाते हुए आठ डॉक्टरों के लाइसेंस सस्पेंड कर दिए हैं। (Rajasthan Medical Council action) आरएमसी के रजिस्ट्रार डॉ. गिरधर गोयल ने बताया कि जांच के बाद शुभम गुर्जर, इंद्रराज सिंह गुर्जर, विजय सैनी, नफीस खान, देवेन्द्र सिंह, सतेन्द्र सिंह गुर्जर, अभिषेक कुमार और शेख आरिफ इकबाल का लाइसेंस रद्द किया गया है। सूत्रों का कहना है कि पिछले दिनों सामने आए फर्जी दस्तावेज़ों के मामले में आरएमसी ने सख्त जांच की, जिसमें पाया गया कि इन डॉक्टरों के दस्तावेज़ सही नहीं हैं।
12 जून को भी हुई थी 8 डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई
12 जून 2024 को भी राजस्थान मेडिकल काउंसिल (आरएमसी) ने प्रदेश के 8 डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन निरस्त किए थे। साथ ही, दो डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन 6 महीने के लिए निलंबित किया गया था। इस बैठक में पैनल और एथिकल कमेटी के सामने कुल 25 प्रकरण रखे गए थे। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी), दिल्ली के निर्देशानुसार, इन मामलों में 8 चिकित्सकों के पंजीकरण निरस्त करने और दो चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन अस्थायी रूप से निलंबित करने का फैसला लिया गया था।
जिन डॉक्टरों पर हुई थी कार्रवाई
आरएमसी की इस अहम मीटिंग के बाद झुंझुनूं किडनी कांड के मुख्य आरोपी डॉ. संजय धनखड़ और अन्य चिकित्सकों—डॉ. गणपत सिंह, डॉ. मोहम्मद साजिद, डॉ. मोहम्मद अफजल, डॉ. कृष्णा सोनी, डॉ. बोम्मा रेड्डी हरि कृष्णा, डॉ. जयदीप सिंह, और डॉ. बलजीत कौर—का रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया गया था। इसके अलावा, डॉ. अजय अग्रवाल और डॉ. सुमन अग्रवाल का पंजीकरण 6 महीने के लिए निलंबित किया गया था।
फर्जी दस्तावेजों और किडनी कांड की जांच में निकला मामला
इस कार्रवाई के पीछे किडनी कांड और अन्य गंभीर मामलों का खुलासा हुआ था। आरएमसी ने बताया कि जिन डॉक्टरों का रजिस्ट्रेशन निरस्त हुआ, उनमें से कुछ ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर अपने रजिस्ट्रेशन कराए थे।
अधिकांश डॉक्टर्स ने विदेश से की एमबीबीएस
आरएमसी सूत्रों के मुताबिक, जिन 8 डॉक्टर्स के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं, उनमें से अधिकांश ने विदेशों से एमबीबीएस किया है। इनमें कजाकिस्तान, रूस, यूक्रेन और अन्य देशों से डॉक्टरी की डिग्री प्राप्त की थी। हालांकि, इनमें से कुछ डॉक्टर्स ने राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) का एग्जाम क्लीयर नहीं किया है। इसके अलावा, कुछ डॉक्टर्स के दस्तावेज़ों का वैरिफिकेशन दूसरे राज्यों से नहीं आने के कारण भी आरएमसी ने कार्रवाई की है।