Dablana Rape Case: रेप के आरोपियों पर क्यों मेहरबान है पुलिस? विधायक चांदना का बड़ा सवाल!
Dablana Rape Case: (रियाजुल हुसैन)। राजस्थान की राजनीति में हाल के घटनाक्रम ने एक बार फिर प्रशासनिक प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। तत्कालीन कांग्रेस सरकार के मंत्री और वर्तमान में (Dablana Rape Case)हिण्डोली से विधायक अशोक चांदना ने पुलिस प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है। दबलाना थाने में सात माह पुराने एक रेप मामले में पुलिस अधिकारियों की भूमिका को लेकर उन्होंने पुलिस पर आरोपियों को संरक्षण देने का बड़ा आरोप लगाया है।
प्रेस वार्ता के दौरान चांदना ने कहा कि "राजस्थान पुलिस का ध्येय 'आमजन में विश्वास और अपराधियों में भय' खुलेआम ध्वस्त हो रहा है। आरोप सिद्ध होने के बावजूद बार-बार जांच को बदलना और पीड़िता के परिजनों को प्रताड़ित करने जैसे घटनाएं यह साबित करती हैं कि अपराधियों को पुलिस के उच्चाधिकारियों का संरक्षण प्राप्त है।"
यह बयान न केवल पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाता है, बल्कि राज्य सरकार और प्रशासन के प्रति आमजन के विश्वास को भी प्रभावित करता है। अब देखना होगा कि इस मामले में राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन क्या कदम उठाते हैं।
जांच प्रक्रिया पर उठे सवाल
5 अप्रैल 2024 को महिला से रेप की घटना और 8 अप्रैल 2024 को दर्ज हुई एफआईआर में पुलिस द्वारा आरोपियों के विरुद्ध आरोप प्रमाणित किए जा चुके हैं। 11 मई 2024 को तत्कालीन उप पुलिस अधीक्षक हिण्डोली घनश्याम मीणा ने मामले की पुष्टि की। इसके बाद 12 अगस्त 2024 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एसटी/एससी शाखा जसवीर मीणा और 11 अक्टूबर 2024 को अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शहर उमा शर्मा ने भी अपनी जांच में आरोप सही पाए। 23 अक्टूबर 2024 को जांच का जिम्मा अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोटा शहर संजय शर्मा को सौंपा गया। विधायक अशोक चांदना ने आरोप लगाया कि प्रभावशाली लोगों के दबाव के कारण बार-बार जांच बदली जा रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी अब तक नहीं हुई।
पीड़ित परिवार को न्याय के बजाय प्रताड़ना
विधायक चांदना ने कहा कि रेप पीड़िता के परिवार को न्याय दिलाने की बजाय, उन्हें ही प्रताड़ित किया जा रहा है। पीड़िता के भाई पर हिण्डोली पुलिस ने एफआईआर 474/2024 (धारा 323, 341, 325, 427) दर्ज की, जिसमें आरोपी वही लोग हैं, जिनके खिलाफ रेप का मामला है। इस वजह से पीड़िता के परिवार को जमानत लेनी पड़ी। चांदना ने आरोपियों द्वारा पीड़िता के परिवार पर किए गए हमले के वीडियो सबूत भी मीडिया को दिखाए।
एसपी का पक्ष: दोनों मामलों में कोई संबंध नहीं
जिला पुलिस अधीक्षक राजेंद्र कुमार मीणा ने स्पष्ट किया कि रेप केस और खेत की बाढ़ को लेकर हुए झगड़े के मामले का आपस में कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि रेप केस में पीड़िता के बयानों में विरोधाभास के कारण आरोप सिद्ध नहीं हो पा रहे हैं, और इसी वजह से जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोटा शहर को सौंपी गई है। एसपी ने कांग्रेस विधायक के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि सभी प्रक्रियाएं निष्पक्षता से की जा रही हैं।
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