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Chittorgarh :‘तेरी ऐसी-तैसी कर दूंगा’ वीडियो पर तहसीलदार का बड़ा बयान, क्या है असलियत?"

Chittorgarh News: सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो अक्सर बड़ी घटनाओं और विवादों को चर्चा का विषय बना देते हैं। ऐसा ही एक मामला चित्तौड़गढ़ के तहसीलदार और किसान के बीच की नोक-झोंक का है, जिसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया...
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Chittorgarh News: सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो अक्सर बड़ी घटनाओं और विवादों को चर्चा का विषय बना देते हैं। ऐसा ही एक मामला चित्तौड़गढ़ के तहसीलदार और किसान के बीच की नोक-झोंक का है, जिसने लोगों का ध्यान आकर्षित किया है। (Chittorgarh News) जहां न्यायालय के आदेश पर जमीन का कब्जा दिलाने की प्रक्रिया चल रही थी, वहां परिस्थितियां अचानक ऐसी बनीं कि एक सामान्य कार्यवाही सोशल मीडिया की सुर्खियों में बदल गई।

चित्तौड़गढ़ के तहसीलदार राहुल धाकड़ का एक अनोखा वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर धूम मचा रहा है। इस वीडियो में तहसीलदार को किसान के पीछे डंडा लेकर भागते हुए देखा जा सकता है। घटना तब की है जब तहसीलदार, एसडीएम कोर्ट के आदेश का पालन करते हुए नरपतखेड़ी निवासी को उसकी जमीन पर कब्जा दिलाने पहुंचे थे। हालांकि, वायरल वीडियो ने इसे विवादों का विषय बना दिया है। जहां कुछ लोग तहसीलदार के पक्ष में तर्क दे रहे हैं, वहीं अन्य इसे अनुचित ठहरा रहे हैं। तहसीलदार ने अपनी सफाई में कहा कि खड़ी फसल और पत्थरगढ़ी की बात को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। यह मामला न्यायिक आदेश की प्रक्रिया का हिस्सा था, जिसे भ्रामक तरीके से दिखाया जा रहा है।

एसडीएम कोर्ट के आदेश का पालन जरूरी था 

चित्तौड़गढ़ के तहसीलदार राहुल धाकड़ ने वायरल वीडियो पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा, "मैं जानता हूं कि खड़ी फसल में पत्थरगढ़ी नहीं हो सकती। वीडियो में इस बात को गलत तरीके से पेश किया गया है। हमारा उद्देश्य कब्जा सुपुर्द करना था, जो एसडीएम कोर्ट का आदेश था। प्रार्थी पिछले दो साल से परेशान था, और कोर्ट से इस मामले में दो बार रिमाइंडर भी भेजा गया था। इसलिए, आदेश का पालन करना हमारी जिम्मेदारी थी।"

किसान कुल्हाड़ी लेकर खेत पर बैठा था

तहसीलदार राहुल धाकड़ ने बताया कि 11 दिसंबर को नोटिस जारी कर 18 दिसंबर को कब्जा दिलाने की तिथि निर्धारित की गई थी। लेकिन जब मौके पर टीम पहुंची, तो किसान कुल्हाड़ी लेकर खेत में बैठा था और धमकी दे रहा था कि वह किसी को कब्जा नहीं करने देगा। दोपहर में जब तहसीलदार ने पक्ष और विपक्ष दोनों को बुलाकर बातचीत की, तब भी विपक्षी ने कब्जा देने से साफ इनकार कर दिया। तहसीलदार ने उन्हें समझाया कि कोर्ट के आदेश का पालन करना अनिवार्य है।

पटवारी टीम के साथ बदसलूकी

राहुल धाकड़ ने घटना का विवरण देते हुए कहा, "कब्जा दिलाने की प्रक्रिया शुरू होने के दौरान विपक्षी की पत्नी वीडियो बनाने लगी। हमें इससे कोई आपत्ति नहीं थी क्योंकि पूरी कार्रवाई नियमों के अनुसार की जा रही थी। लेकिन एक तीसरा व्यक्ति, जो मौके पर अचानक आ गया, पटवारी टीम से बदसलूकी करने लगा। बार-बार दुर्व्यवहार के कारण स्थिति तनावपूर्ण हो गई, और मुझे हस्तक्षेप करना पड़ा। इस दौरान हुई हलचल को सोशल मीडिया पर गलत रूप में दिखाया गया।"

वीडियो का विवाद

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में तहसीलदार किसान के पीछे भागते हुए दिखाई दे रहे हैं। इस दृश्य ने लोगों को दो हिस्सों में बांट दिया है...कुछ लोग तहसीलदार के कार्य का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे अनुचित बता रहे हैं। तहसीलदार ने साफ किया कि उनका उद्देश्य सिर्फ न्यायालय के आदेश का पालन करना था और स्थिति को संभालना उनकी ड्यूटी का हिस्सा था।

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