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Bundi: 14 साल पहले 168 करोड़ का भ्रष्टाचार ! 17 इंजीनियर्स पर आरोप, अब 2 के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति

बूंदी के गरडदा बांध से जुड़े भ्रष्टाचार के 14 साल पुराने मामले में अब दो आरोपियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है।
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Bundi Crime News: राजस्थान के बूंदी में 14 साल पहले 168 करोड़ की लागत से गरडदा बांध बनाया गया था। जो पहली ही बारिश में टूट गया। (Bundi Crime News) इस मामले में 4 साल पहले ACB ने 17 इंजीनियर्स पर आरोप तय कर लिए। इसके बाद अभियोजन स्वीकृति मांगी गई। अब जाकर इस मामले में एक अधिशाषी अभियंता और सहायक अभियंता के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है। जबकि 9 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ अभी भी अभियोजन स्वीकृति नहीं मिली है।

14 साल पुराने मामले में अब अभियोजन स्वीकृति

बूंदी जिले में 14 साल पहले 168 करोड़ की लागत से बनाया गया गरड़दा बांध पहली ही बारिश में टूट गया। इस मामले में  अब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दो इंजीनियर्स के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है। अब इनके खिलाफ चालान पेश करने की कार्रवाई की जाएगी। एसीबी पुलिस उपाधीक्षक ज्ञान चंद के मुताबिक बांध निर्माण के समय प्रभारी रहे तत्कालीन अधिशासी अभियंता वीरेन्द्र मीना और सहायक अभियंता राजकुमार श्रीमाल के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है।

पहली ही बारिश में टूट गया था गरडदा बांध

यह मामला 15 अगस्त 2010 का है, जब उद्घाटन से पहले ही गरड़दा बांध का एक बड़ा हिस्सा टूट गया था। इसके बाद गरड़दा मध्यम सिंचाई परियोजना निर्माण में भ्रष्टाचार की पुष्टि होने पर मामले की जांच ACB को सौंपी गई। करीब 4 साल पहले साल 2021 में ACB ने करीब 17 इंजीनियर्स और अन्य अधिकारी-कर्मचारियों पर आरोप तय कर अभियोजन स्वीकृति के लिए फाइल जयपुर मुख्यालय भेजी। मगर स्वीकृति नहीं मिल पाई। इस बीच कई इंजीनियर रिटायर हो गए। एक इंजीनियर की मौत हो गई। अब जाकर इस मामले में 2 के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिली है। जबकि बाकी 9 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति का अभी भी इंतजार है।

अब भी 9 के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति बाकी

बूंदी ACB  की ASP डॉ. प्रेरणा शेखावत ने बताया कि अभियोजन स्वीकृति को लेकर जल संसाधन विभाग और कार्मिक विभाग से पत्राचार किया जा रहा है। अब इस मामले में दो इंजीनियर्स के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति दी गई है। बाकी 9 अधिकारी-कर्मचारियों के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति के लिए पत्राचार जारी है। जल्द ही अभियोजन स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। इसके बाद मामले में आगामी विधिक कार्रवाई की जाएगी।

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