2 साल की बच्ची से दरिंदगी पर मां ने नहीं करवाई FIR, थानेदार ने खुद लड़ा 5 साल केस...उम्रकैद दिलवाकर माने
Bikaner Crime News: राजस्थान के बीकानेर जिले में 2 साल की बच्ची को एक दरिंदा उठाकर ले गया। इसके बाद मासूम बच्ची के साथ दरिंदगी की और उसे बेहोशी की हालत में छोड़कर फरार हो गया। (Bikaner Crime News) वारदात की जानकारी पुलिस को लगी तो पुलिस ने बच्ची को अस्पताल पहुंचाया। इसके बाद बच्ची के परिवार की जानकारी जुटाई गई, मगर परिवार ने FIR कराने से ही इनकार कर दिया। इसके बाद SHO ने ही केस लड़ा और अब पांच साल बाद मासूम को इंसाफ दिलाया है।
2 साल की बच्ची से दरिंदगी का मामला
बीकानेर की अदालत ने 2 साल की बच्ची से दरिंदगी के मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दी है। जिसके बाद मासूम बच्ची को इंसाफ मिल पाया है। मगर इस बच्ची को इंसाफ एक बड़े संघर्ष के बाद मिल पाया है। दरअसल यह मामला पांच साल पुराना है, पुलिस के मुताबिक आरोपी बच्ची को बहलाकर अपने साथ ले गया। इसके बाद आरोपी ने बच्ची से दरिंदगी की और बेहोशी की हालत में उसे छोड़कर फरार हो गया। वारदात की सूचना पर पुलिस ने बच्ची को अस्पताल पहुंचाया और केस दर्ज करने के लिए परिवार की तलाश की।
परिवार का इनकार, SHO ने ही दी FIR
बीकानेर के बीछवाल के तत्कालीन थाना इंचार्ज धीरेंद्र सिंह ने काफी प्रयासों के बाद पीड़ित बच्ची के परिवार को ढूंढ निकाला। मगर परिवार ने इस मामले में FIR दर्ज कराने से ही इनकार कर दिया, लेकिन SHO ने ठान लिया कि अब मासूम बच्ची को इंसाफ दिलाना है। जब काफी कोशिशों के बाद भी परिवार ने FIR नहीं करवाई तो SHO ने खुद ही FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरु कर दी।
आखिर पुलिस ने ही मासूम को दिलाया इंसाफ
मासूम बच्ची को इंसाफ दिलाने के लिए SHO ने सभी तरह के सबूत जुटाए। इसके बाद मां को गवाही के लिए बुलाया गया। मगर मां ने गवाही देने से भी इनकार कर दिया। इस बीच SHO का दूसरे थाने में ट्रांसफर हो गया, तब भी वे अपने स्तर पर मामले में सबूत जुटाते रहे। इसका नतीजा यह हुआ है कि पिछले दिनों बीकानेर की अदालत ने इस मामले में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा दी है। जिससे मासूम को इंसाफ मिल पाया है।
यह भी पढ़ें:बेनीवाल ने एसडीएम को थप्पड़ मारने वाले नरेश मीणा का लिया पक्ष, "अगर मैं होता तो..."
यह भी पढ़ें: Reet Scam:"पिता के ढाबे के पीछे खेल रही थी छुपन-छुपाई! साइक्लोनर टीम ने किया गेम ओवर
.