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10 दिन पहले झगड़ा… फिर जेल… और अब गोलीबारी! आखिर कौन है इस खूनी खेल का मास्टरमाइंड?

पुरानी रंजिश की आग ने एक परिवार को गोलियों की बरसात में झुलसा दिया।
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Bharatpur Crime news: राजस्थान के डीग जिले में अपराध का खौफनाक मंजर सामने आया है। पुरानी रंजिश की आग ने एक परिवार को गोलियों की बरसात में झुलसा दिया। सदर थाना इलाके में घात लगाए बदमाशों ने घर लौट रहे एक परिवार पर अचानक ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस हमले में एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि मृतक का बेटा और भतीजा भी गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को तुरंत जयपुर रेफर किया गया, जहां उनकी हालत नाजुक बनी हुई है। (Bharatpur Crime news)वहीं, मृतक के शव को आरबीएम अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखवाया गया है। इस वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।

पुरानी रंजिश का खौफनाक परिणाम

डीग जिले के खोरी गांव में एक नया संघर्ष छिड़ गया, जो 10 दिन पहले हुए झगड़े की परतें खोलता है। हरपाल सिंह ने घटना के बारे में बताते हुए कहा कि ओमप्रकाश का परिवार अक्सर गांव के लोगों से विवाद करता रहता है। 10 दिन पहले ओमप्रकाश और हरपाल सिंह के बीच भी झगड़ा हुआ था। इस झगड़े के बाद पुलिस ने हरपाल पक्ष के तीन लोगों – प्रदीप, मोहन सिंह और गुलजार को गिरफ्तार कर लिया था और उन पर धारा 308 के तहत केस दर्ज किया गया। इन तीनों को जेल भेजा गया था और कल उनकी जमानत हुई थी। जमानत मिलने के बाद जब ये तीनों अपने घर लौट रहे थे, तो ओमप्रकाश पक्ष ने उन्हें रास्ते में पकड़ लिया।

जेल से निकलते ही हमला

जेल से बाहर आते ही ओमप्रकाश पक्ष ने तीनों पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस हमले के दौरान प्रदीप और गुलजार अपनी जान बचाकर भाग गए, लेकिन प्रदीप को गोली लग गई। इसके बाद ओमप्रकाश और उसके साथियों ने हरपाल के घर का रुख किया। घर पर पहुंचते ही उन्होंने परिवार को गालियाँ देना शुरू कर दी। जैसे ही परिवार के लोग घर से बाहर निकले, ओमप्रकाश और उसके साथियों ने फिर से फायरिंग कर दी, जिसमें ओमप्रकाश (44), उसके बेटे गौरव (16), और भतीजे प्रदीप (23) को गोली लगी।

अस्पताल में मौत की खबर..

फायरिंग के बाद ओमप्रकाश पक्ष मौके से फरार हो गया। घायल हुए ओमप्रकाश, गौरव और प्रदीप को तत्काल डीग अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें भरतपुर के आरबीएम अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया। आरबीएम अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने ओमप्रकाश को मृत घोषित कर दिया, जबकि गौरव और प्रदीप को जयपुर रेफर कर दिया गया। ओमप्रकाश का शव अभी भी आरबीएम अस्पताल की मॉर्च्युरी में रखा हुआ है, और शव का पोस्टमार्टम अभी नहीं हुआ है। ओमप्रकाश किसान था और उसकी मौत से परिवार में मातम पसरा है।

 400 बीघा जमीन पर कब्जे की होड़

गांव के एक अज्ञात सूत्र के अनुसार, दोनों पक्षों के बीच पुरानी रंजिश का मुख्य कारण खोरी गांव के एक प्राचीन भगवान के मंदिर से जुड़ी 400 बीघा जमीन है। यह जमीन मंदिर के पुजारी द्वारा हर साल बटाई पर दी जाती है, और दोनों पक्षों में से हर एक इसे खेती करने के लिए लेना चाहता है। इसी जमीन को लेकर दोनों पक्षों में विवाद चल रहा था, जो हाल ही में 10 दिन पहले हुए झगड़े में भी उभर कर सामने आया था। इस जमीन को लेकर चल रहे संघर्ष ने अब एक और खतरनाक रूप ले लिया, जिससे यह घटना और भी गंभीर बन गई।

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