बिजयनगर रेप केस! कोर्ट में पेश 4 आरोपी, मसूदा में उबाल, इंसाफ की मांग, बाजार बंद
Ajmer Crime News: ब्यावर जिले के बिजयनगर में हुए रेप-ब्लैकमेल कांड ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। न्याय की मांग और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की लहर लगातार तेज होती जा रही है। छात्राओं के साथ हुई इस अमानवीय घटना के खिलाफ गुस्सा थमने का नाम नहीं ले रहा। (Ajmer Crime News)आज सर्व समाज के आह्वान पर मसूदा पूरी तरह बंद है, जहां जनता अपने आक्रोश और संवेदना को आवाज़ दे रही है। इस बीच, पुलिस कड़ी सुरक्षा के बीच चार आरोपियों को अजमेर पॉक्सो कोर्ट में पेश करने की तैयारी में जुटी है।
अब तक 8 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिनमें 3 नाबालिग बाल सुधार गृह में भेजे गए हैं। वहीं, मुख्य आरोपी लुकमान उर्फ सोहेब (20), सोहेल मंसूरी (19), रिहान मोहम्मद (20) और अफराज (18) का 5 दिन का रिमांड पूरा होने के बाद आज कोर्ट में पेश किया जाएगा।
ब्यावर से अजमेर तक सुरक्षा चाक-चौबंद है, कोर्ट परिसर में कई थानों की पुलिस तैनात कर दी गई है।
क्या पीड़िताओं को इंसाफ मिलेगा? क्या आरोपियों को उनके घिनौने अपराध की सजा मिलेगी? पूरे राजस्थान की निगाहें इस केस पर टिकी हैं!
मसूदा में व्यापक प्रदर्शन
मसूदा में आरोपियों को फांसी देने की मांग को लेकर व्यापक प्रदर्शन हुआ। व्यापारियों ने अपनी दुकानें बंद रखीं और स्थानीय लोगों ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। सर्व समाज के लोगों ने आरोपियों को तुरंत फांसी की सजा देने की मांग करते हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। पूर्व पार्षद हकीम कुरैशी और अन्य आरोपियों के खिलाफ पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की है। हकीम कुरैशी को 5 दिन के रिमांड पर रखा गया है, जबकि कैफे संचालक श्रवण, आशिक और करीम को 7 दिन के रिमांड पर रखा गया है। पुलिस इन आरोपियों से लगातार पूछताछ कर रही है ताकि मामले की गहराई तक पहुंचा जा सके।
नाबालिग लड़कियों के साथ दुर्व्यवहार का मामला
15 फरवरी को बिजयनगर थाने में एक नाबालिग लड़की ने रेप और ब्लैकमेल का मामला दर्ज कराया। इसके बाद एक अन्य नाबालिग लड़की ने भी शिकायत दर्ज की। तीन अन्य लड़कियों के पिता ने भी आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। आरोप है कि ये आरोपी प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाली नाबालिग लड़कियों का रेप करने और उनकी अश्लील फोटो और वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल कर रहे थे।
आरोपियों पर यह भी आरोप लगे हैं कि वे लड़कियों को जबरन कलमा पढ़ने, रोजा रखने और धर्मांतरण के लिए विवश कर रहे थे। यह मामला और भी गंभीर हो गया है क्योंकि इसमें नाबालिग लड़कियों की मासूमियत का फायदा उठाया गया। पुलिस ने पोक्सो अधिनियम (POCSO Act) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
इस मामले ने स्थानीय सामाजिक संगठनों और नागरिकों को झकझोर कर रख दिया है। कई संगठनों ने आरोपियों के खिलाफ त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की है। साथ ही, उन्होंने नाबालिगों की सुरक्षा को लेकर सरकार और प्रशासन से सख्त कदम उठाने की अपील की है।
पुलिस की जांच जारी
पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए विस्तृत जांच शुरू की है। आरोपियों के डिजिटल डिवाइस और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच की जा रही है ताकि उनके खिलाफ ठोस सबूत जुटाए जा सकें। पुलिस ने यह भी सुनिश्चित किया है कि पीड़ित लड़कियों और उनके परिवारों को सुरक्षा प्रदान की जाए।
स्थानीय प्रशासन और सरकार ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। नाबालिगों की सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने के लिए विशेष कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही, इस मामले में जांच की प्रगति पर लगातार नजर रखी जा रही है।
इस मामले ने समाज में एक बड़ी बहस छेड़ दी है कि कैसे नाबालिगों की सुरक्षा को और मजबूत किया जाए और ऐसे आरोपियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
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