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विधानसभा गेट पर रिश्वत लेते पकड़ा गया अफसर, क्या छुपा था उसके पास? पूरी कहानी सामने आई!

ACB Operation in Jaipur:  (प्रेम पाठक)। भ्रष्टाचार समाज के उस अंधेरे कोने की तरह है, जो विकास के उजाले को निगलने की ताक में रहता है। लेकिन जब ईमानदार और साहसी अधिकारी अपना फर्ज निभाने के लिए तत्पर होते हैं,...
12:40 PM Jan 08, 2025 IST | Rajesh Singhal

ACB Operation in Jaipur:  (प्रेम पाठक)। भ्रष्टाचार समाज के उस अंधेरे कोने की तरह है, जो विकास के उजाले को निगलने की ताक में रहता है। लेकिन जब ईमानदार और साहसी अधिकारी अपना फर्ज निभाने के लिए तत्पर होते हैं, तब भ्रष्टाचार की यह परतें एक-एक करके उजागर हो जाती हैं। ऐसा ही एक साहसिक कदम जयपुर में मंगलवार की रात देखने को मिला, जब भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने एक सुनियोजित कार्रवाई करते हुए रेवेन्यू अधिकारी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

जयपुर की सर्द रात में जैसे ही राजस्थान विधानसभा के गेट पर एक गाड़ी रुकी, उसमें से एक निजी व्यक्ति उतरा। कुछ ही पलों में एक चौंकाने वाला घटनाक्रम सामने आया। ACB की टीम ने व्यक्ति को हिरासत में लिया और उसके आगे बढ़ते ही गाड़ी में मौजूद रेवेन्यू अधिकारी युवराज मीणा को भी रंगे हाथों पकड़ लिया। मीणा पर आरोप है कि वह तीन लाख रुपये की रिश्वत ले रहा था। इस हाई-प्रोफाइल कार्रवाई ने शहर में हलचल मचा दी और यह मामला भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई का एक और उदाहरण बन गया।

5 लाख की रिश्वत की मांग

एसीबी के एएसपी अभिषेक पारीक ने बताया कि अलवर की यूडी टैक्स वसूलने वाली कंपनी ने अक्टूबर और नवंबर में टेंडर हासिल किया था। लेकिन नगर निगम के राजस्व अधिकारी (रेवेन्यू ऑफिसर) युवराज मीणा ने इस कंपनी की फाइल को लंबे समय से अटका रखा था। फाइल को आगे बढ़ाने के बदले मीणा ने कंपनी से 5 लाख रुपये की रिश्वत की मांग की थी।

विधानसभा गेट पर 3 लाख की डील

युवराज मीणा रिश्वत की राशि लेने के लिए जयपुर विधानसभा के पास पहुंचे। उनके साथ एक प्राइवेट व्यक्ति भी मौजूद था, जिसे 3 लाख रुपये की रिश्वत की राशि लेने के लिए भेजा गया। जैसे ही प्राइवेट व्यक्ति ने पैसे लिए, एसीबी की टीम ने उसे मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। कुछ दूरी पर युवराज मीणा को भी रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया।

तलाशी अभियान और दस्तावेज जब्त

गिरफ्तारी के बाद एसीबी की टीम ने युवराज मीणा के जयपुर स्थित आवास पर छापेमारी की और दस्तावेजों की तलाशी ली। इसके अलावा, अलवर नगर निगम कार्यालय में भी एसीबी की टीम ने पहुंचकर संबंधित फाइलों की जांच की। यह तलाशी अभियान बुधवार सुबह तक जारी रहा।

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